Case of seeking bribe at JDA enforcement branch: Burying inspector from Zol

जयपुर। पहले तो एसीबी का ट्रेप लीक हुआ एवं बाद में अनुसंधान में कमियां छोड़ने तथा अदालत में सरकारी गवाहों के ही विरोधाभाषी बयान देने पर भ्रष्टाचार निवारण मामलों की विशेष कोर्ट-3 में जज सतीश कुमार ने आरोपी तत्कालीन प्रवर्तन अधिकारी, जेडीए नारायण लाल तिवाड़ी निवासी माधव नगर-करतारपुरा, जयपुर को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
यह थी शिकायत
विद्याधर नगर निवासी प्रभात कुमार मिश्रा ने 19 अगस्त, 2०1० को एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी कि 11 अगस्त को जेडीए से आवंटित मकान का रिन्यूवेशन के लिए पट्टी हटा कर छत आरसीसी की डलवा रहा था। प्रवर्तन अधिकारी तिवाडी आये और काम रोकने को कहा, कहा कल जेडीए आकर मिल लेना, नहीं तो बुरे परिणाम भुगतने पड़ेगे। 12 को मिला तो 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। 18 अगस्त को मोबाईल पर मकान तोडने की धमकी दी। पुन: बुलाया, कहा शिकायत मौखिक आई है। सौदा 5 हजार में तय हो गया और कहा कि दुबारा आई तो मेरी जिम्मेदारी नहीं होगी। एसीबी के सत्यापन में राशि मांगनें की बातचीत रिकॉर्ड हो गई। लेकिन ट्रेप करने से पहले उसे शक हो गया। बाद में उसका तबादला भी अन्य जोन हो गया। एसीबी ने रिश्वत मांगने के धारा 7 के अपराध में 1० सितम्बर, 2०12 को कोर्ट में चालान पेश कर दिया।

एसीबी ने कदम-कदम पर छोड़ी कमियां
मामले का अनुसंधान उपअधीक्षक महेंद्र सिह यादव ने किया था और ट्रेप एएसपी डॉ. भूपेंद्र सिह यादव ने किया था। महेंद्र, भूपेंद्र सिह का अधीनस्थ कर्मचारी था। 19 अक्टूबर, 2०1० को एसीबी ने रिपोर्ट दर्ज कर 14 जून,2०11 को एफआईआर दर्ज की। एक साल तक कोई कार्यवाही नहीं की। एफआईआर पर परिवादी के हस्ताक्षर नहीं है। सिपाही जयराम कोर्ट में कहता है सत्यापन में बातचीत की सीडी उसने बनाई थी, जबकि आईओ महेंद्र सिह यादव और टीएलओ भूपेंद्र सिह यादव ने कहा कि सीडी भींवाराम ने बनाई। मुख्य सबूत यह सीडी 19 अक्टूबर, 2०1० से 14 जून,2०11 तक कहां रही, यह किसी को पता ही नहीं है। आईओ महेंद्र सिह ने कम्प्यूटर आॅपरेटर को गवाह सूची में नहीं रखा। 65 बी का प्रमाण पत्र भूपेंद्र सिह ने दिया है, जबकि जयराम या भींवाराम में से किसी एक को देना चाहिए था। कॉल डिटेल रिकॉर्ड के अनुसार परिवादी एवं आरोपी के बीच 12, 13, 18 व 19 अगस्त, 2०1० को बातचीत हुई थी। 13, 18 व 19 अगस्त के फोन तो आरोपी ने किये थे। तत्कालीन मुख्य नियंत्रक हैदरअली जैदी ने कोर्ट में ताईद की है कि कार की लॉग बुक के अनुसार आरोपी 12 से 19 अगस्त तक ट्यूर भी रहा था। आरोपी ने एसीबी को अपनी आवाज का नमूना भी देने से भी इंकार कर दिया था।

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