जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय में पीएचडी छात्र से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए 15 फरवरी, 2016 को रंगे हाथ गिरफ्तार किये गये डॉ. प्रदीप कुमार गोयल के खिलाफ एसीबी कोर्ट एक में जज बलजीत सिंह ने गुरुवार को भ्रष्टाचार निवारण एक्ट की धारा 7 एवं 13 (1)(डी)(2) के अपराध में चार्ज सुनाये। डॉ. गोयल ने आरोपों से इंकार करते हुए अदालत से अन्वीक्षा चाही। इस पर कोर्ट ने 24 अप्रेल, 2018 को गवाह तलब करते हुए ट्रायल शुरु करने के आदेश दिए।
ट्रेप के समय डॉ. गोयल जूलोजी विभाग का एचओडी एवं प्रोफेसर था एवं 8 छात्र-छात्रायें पीएचडी कर रहे थ्ो। उसके खिलाफ एक पीएचडी छात्र संजय सिंह ने 22 जनवरी को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी कि अगस्त-14 से सितम्बर-14 तक उसे 16 हजार रुपए प्रतिमाह एवं अक्टूबर-14 से 25 हजार रुपए प्रतिमाह फैलोशिप राशि मिल रही थी। डॉ. गोयल के पास 2.60 लाख रुपए के बिल लम्बित थ्ो। 50 प्रतिशत रिश्वत मांग रहा है। पूर्व में भी 85 हजार रुपए के बिल पास करने के लिए 7 हजार रुपए ले चूका है।