जयपुर। देश के वयोवृद्ध सर्वोदयी विचारक एवं खादी मिशन के राष्ट्रीय संयोजक बाल विजय भाई ने कहा है कि खादी महात्मा गांधी और आचार्य विनोबा भावे का स्वप्न है जो कि सिर्फ वस्त्र नहीं विचार है। उन्होंने खादी एवं ग्रामोघोग को देश के करोड़ों लोगों की सेवा का पुण्य पथ बताते हुए कहा कि खादी चूंकि व्यापार नहीं है इसलिए केन्द्र सरकार इसे जीएसटी से मुक्त करे। बाल विजय भाई ने जीएसटी के दायरे में खादी को शामिल करने की निंदा करते हुए कहा कि इससे करोड़ों गरीब कामगारों व ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सीधा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि खादी एवं ग्रामोघोग की संस्थाओं को संजीवनी तभी मिलेगी जब सब्सिडी, छूट और संस्थाओं की स्वायत्तता के मसले हल होंगे।
देश के 94 वर्षीय सर्वोदयी विचारक और आचार्य विनोबा भावे के प्रधान सचिव रहे बाल विजय ने कहा कि महात्मा गांधी और आचार्य विनोबा भावे ने खादी का स्वप्न देश के गरीब वर्ग और गांवों के कल्याण की भावना से देखा था। खादी वस्त्र की महिमा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह सामान्य कपड़ा नहीं है बल्कि गांधी व विनोबा विचार का प्रतीक है । लेकिन वर्तमान दौर में सरकारी खादी कमीशन ने खादी की आत्मा का गला घोंटने का काम किया है। ऐसे में खादी मिशन जो पूरे देश की खादी संस्थाओं का संयुक्त संगठन है वह खादी की रक्षा का रचनात्मक आंदोलन चला रहा है।
यहाँ बजाजनगर स्थित खादी एवं ग्रामोघोग संस्थासंघ परिसर में शनिवार को प्रातः 11 बजे बाल विजय भाई ने खादी सभा का उद्घाटन महात्मा गांधी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। खादी मिशन की इस वार्षिक ‘खादी सभा ‘में पंजाब, दिल्ली, यूपी, बिहार, बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, अांध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात आदि राज्यों से बड़ी संख्या में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। खादी सभा में विभिन्न सत्रों में खादी की स्थिति पर शनिवार व रविवार को चर्चा की जाएगी।
खादी सभा के उद्घाटन सत्र को केन्द्रीय खादी एवं ग्रामोघोग आयोग के पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र भाई देसाई सहित लक्ष्मीचंद भंडारी, इंदुभूषण गोयल, रामदास शर्मा आदि ने भी संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के 150 वें जयंती वर्ष और आचार्य विनोबा भावे के 125 वें जयंती वर्ष में खादी संस्थाओं को अपने संकल्पों को दृढ़तापूर्वक लागू करना होगा।
देवेन्द्र भाई देसाई ने खादी संस्थाओं की स्थिति और चुनौतियों पर रोशनी डालते हुए कहा कि आधुनिक दौर में खादी वस्त्रों ने दुनिया के वस्त्र जगत में अपना महत्व साबित किया है। वहीं खादी विचारक रामदास शर्मा ने कहा कि खादी उत्पाद पूरी दुनिया में लोकप्रिय हैं। पौलेंड की अपनी यात्रा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वहां खादी एवं ग्रामोघोग संस्था द्वारा निर्मित शहद एक प्रदर्शनी में बहुत पसंद किया गया। उन्होंने खादी संस्थाओं की वर्किग कैपिटल का मुद्दा भी उठाया।
खादी मिशन के सह संयोजक जवाहरलाल सेठिया ने कहा कि खादी उत्पाद युवा पीढ़ी बहुत पसंद कर रही है। उन्होंने खादी संस्थाओं की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि यदि इन संस्थाओं पर जीएसटी थोपी गई और टैक्सटाइल्स इंड्रस्ट्री की तरह खादी वस्त्रों को फैब्रिक के नाम पर आंका गया तो इसके दुष्परिणाम होंगे। सेठिया ने खादी संस्थाओं की रक्षा के लिए खादी मिशन द्वारा चलाए जा रहे ‘ खादी रक्षा आंदोलन ‘ को और मजबूत बनाने पर बल दिया।
खादी सभा में खादी मिशन के लोकेन्द्र भाई भारतीय, राजस्थान के सर्वोदयी कार्यकर्ता अरूण कुमावत,नीरज डोडा सहित बड़ी संख्या में खादी विचारकों एवं सर्वोदयी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।