नई दिल्ली। देशवासियों के लिए ही आधार कार्ड अनिवार्य बनाने के लिए केन्द्र सरकार सक्रिय रुप से काम करने में जुटी है। इसी क्रम में अब गोरक्षा को लेकर हो रहे बवाल के बीच केन्द्र सरकार एक योजना लागू करने पर विचार कर रही है। सरकार का मानस है कि गायों की देखरेख के लिए भी आधार कार्ड सरीखी योजना लागू करना चाहती है। इस संबंध में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी। कोर्ट में सरकार ने कहा कि वह यूआईडी जैसी व्यवस्था के जरिए गायों को पूरी तरह लोकेट और ट्रैक करना चाहती है। इस योजना के जरिए गाय की नस्ल, उम्र, रंग और सहित अन्य चीजों का पूरा ध्यान रखा जा सकेगा। सरकार ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट के माध्यम से बताया कि भारत और बांग्लादेश की सीमा पर बड़ी संख्या में पशुओं की तस्करी हो रही है। जहां भारतीय गायों की मुंह मांगी कीमत दी जाती है। यहां तस्करी का सालाना कारोबार 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक का है। वर्ष 2014-15 के दौरान बीएसएफ ने गायों की तस्करी के मामले में 34 तस्करों को मार गिराया। असम गाय की तस्करी का प्रमुख केन्द्र है। इस तस्करी को रोकने, पशुधन की सुरक्षा और देखभाल के मामले में संयुक्त सचिव की अगुवाई में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। इस समिति ने जो सिफारिश की है उसमें गायों के लिए यूनिक आईडी नंबर की मांग भी शामिल है। वहीं परित्यक्त या आवारा पशुओं की सुरक्षा व देखभाल का जिम्मा राज्य सरकार को देना, दुग्ध देने की आयु तक पशुओं की विशेष देखभाल, हर जिले में 500 जानवरों के लिए शेल्ट होम की व्यवस्था करना, ताकि परिक्तक्त या आवारा पशुओं की संख्या को कम किया सके जैसी कई सिफारिशे शामिल हैं।
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