cm ashok gahlot

विशेष सामग्री ः दो वर्ष जन सेवा के
jaipur. साल 2020 न सिर्फ प्रदेश एवं देश बल्कि पूरे विश्व के लिए कितनी चुनौतियों और संघषोर्ं से भरा रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। वर्ष 2019 खत्म होते-होते चीन से शुरू हुई कोरोना महामारी ने साल की शुरूआत में ही भारत में दस्तक दे दी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सम्मिलित भरतपुर जिला भी इससे अछूता नहीं रह सका। इसके साथ ही शुरू हुए कोरोना संक्रमण की रोकथाम, इससे बचाव और आमजन को राहत पहुंचाने के लिए जिला कलक्टर के नेतृत्व में टीम भरतपुर के अथक प्रयास, जिनके द्वारा एक तरफ लोगों को इस अभूतपूर्व स्वास्थ्य आपदा के खतरों के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया वहीं दूसरी तरफ महामारी से संक्रमित हो रहे लोगों को समय पर उचित उपचार मुहैया करा उनका जीवन बचाने की मुहिम चलायी गयी।

जिले में कोरोना का पहला मरीज 2 अप्रेल 2020 को तब्लीगी जमात का एक व्यक्ति आया। इसके बाद कसाईपाडा बयाना, भरतपुर जिले का पहला हॉटस्पॉट क्षेत्र एवं भीलवाडा के बाद प्रदेश का दूसरा हॉटस्पॉट क्षेत्र बना, जिसमें कोरोना के शुरूआती दिनों में एक दिन में 49 पॉजिटिव आए थे। कोरोना की इस भयावह को देखते हुए जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग ने तुरंत एक्शन लेते हुए कोविड-19 को नियंत्रण करने वाले एवं बेहतरीन मैंनेजमेंट हेतु जिला स्तर से कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीम बनाकर बयाना में लगाया गया। मैनेजमेंट टीम एवं चिकित्सकों के अथक प्रयास से हॉटस्पॉट क्षेत्र को जल्द ही ग्रीन जोन में कन्वर्ट किया गया। भरतपुर का बयाना मॉडल भीलवाड़ा के बाद सबसे ज्यादा प्रभावशाली रहा।

जिले में चिकित्सा विभाग की टीम ने अथक मेहनत की। जिला आरबीएम अस्पताल में पॉजिटिव मरीजों के लिए कोविड वार्ड एवं आईसीयू वार्ड स्थापित कर इलाज शुरू किया गया। कम लक्षण वाले मरीजों के लिए कोविड केयर सेन्टर्स की स्थापना की गयी। राज्य एवं जिला स्तर पर कोविड-19 महामारी के प्रसार को देखते हुए जिला आरबीएम अस्पताल में सुविधा विस्तार के लिए भी जिला प्रशासन ने गम्भीर प्रयास किये गये ताकि किसी भी मरीज को इलाज के अभाव में जान न गंवानी पड़े। आज जिला मुख्यालय पर कोविड-19 संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में 120 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं जिनमें जिला आरबीएम अस्पताल मेें 50 ऑक्सीजन युक्त बेड शामिल हैं। महामारी के शुरूआती दौर में कोविड-19 की जांच के लिए सैम्पल जयपुर या जोधपुर भिजवाये जा रहे थे। शीघ्र रिपोर्ट आने के साथ ही शीघ्र उपचार शुरू हो सके इसके लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज में कोरोना जांच हेतु लैब स्थापित की गई। जिले के सभी चिकित्सकों ने, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ही आशा सहयोगिनी इत्यादि ने भी घर-घर जाकर सर्वे किया जिससे कोरोना जैसी महामारी के प्रयास को नियंत्रित करने में सफल रहे।

जिले में 08 दिसम्बर 2020 तक कुल 8 हजार 424 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हुए जिनमें से 7 हजार 771 व्यक्ति पॉजिटिव से नेगेटिव होकर घर जा चुके हैं अब तक जिले में कुल 115 मौतें हो चुकी हैं तथा जिले में कुल 1 लाख 51 हजार 700 सैम्पल लिए गए।

कोरोना महामारी के कारण अन्य बीमारियों खासकर गम्भीर बीमारियों के मरीजों की उपेक्षा नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया। जिसका परिणाम है कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवाई योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना, जननी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री राजश्री योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ भी आमजन को कोरोना काल में भी मिलता रहा।

बिना डरे कोरोना की जंग जीती

कोटा में नीट की तैयारी कर रहा अनिकेत कुमार शहर का पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज निकला। अनिकेत का कहना है कि ‘‘मुझे डॉक्टर्स पर पूरा भरोसा था और मैंने बिना डरे कोरोना की जंग जीती। मुझे पता था कि लोग कोरोना से ठीक हो रहे हैं कोरोना से आमजन को भी डरने की जरूरत नहीं है, कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में रहने के बाद लक्षण हैं या नहीं और फिर हाई रिस्क या रेड जोन से आए हैं तो अस्पताल में स्कि्रनिंग कराए और सैंपल देने से डरे नहीं। चिकित्सकीय गाईडलान की पालना की और डॉक्टर्स पर पूरा भरोसा रखा तो जल्दी ही पॉजिटिव से नेगेटिव हो गया। चिकित्साकर्मियों का पूरा सहयोग रहा। वे सभी मुझ को हिम्मत दिलाते हैं इसके लिए डॉक्टर्स सहित सभी का दिल से आभार।‘‘

12 बार पॉजिटिव आया बालक भी स्वस्थ होकर घर लौटा

जिले में शुरूआती दिनों हॉटस्पॉट बने कसाईपाडा बयाना क्षेत्र का 11 वर्शीय बालक कासिम डॉक्टरों के लिए हैरानी बना हुआ था। तमाम कोशिशों के बावजूद भी वह बालक लगातार 12वीं बार पॉजिटिव आ चुका था, बालक में कोई गंभीर लक्षण नहीं थे। कासिम को अपने माता-पिता के साथ 13 अप्रेल को जिला आरबीएम अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव आने पर भर्ती कराया था। लगातार रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर 18 मई को आगे की जांचों के लिए जयपुर भेज दिया गया था।
बालक एवं परिजनों से बात करने पर बताया कि ‘‘यदि कोरोना को हराना है तो हमें अब ज्यादा हिफाजत से रहना होगा। लगातार पॉजिटिव आने के बावजूद भी हौंसला बरकरार रखा।‘‘ बालक ने बताया कि वह इसको लेकर कभी घबराया नहीं और अस्पताल में डॉक्टरों की हर बात मानी। कोरोना वार्ड का स्टाफ, डॉक्टर से लेकर नर्सिंगकर्मी सभी ने मेरा पूरा ख्याल रखा। वार्ड में भर्ती रहने के दौरान मेरे पिता मेरे साथ थे। कासिम के माता-पिता ने समस्त डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी का व्यवहार मरीजों के प्रति लगावपूर्ण एवं सहयोगात्मक रहा। सभी ने उसका विशेष ध्यान रखा। राज्य सरकार को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार द्वारा कोरोना मरीजों का निःशुल्क उपचार सराहनीय कदम है।

LEAVE A REPLY