नई दिल्ली। आईसीसी के दूसरे सबसे बड़े टूर्नामेंट व मिनी विश्वकप कहे जाने वाले चैम्पियंस ट्रॉफी में इस बार हाई टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। इस आयोजन में मैच की शुरुआत से ही पहली बार माइक्रोचिप लगे बल्ले का उपयोग किया जाएगा। अभी तक बेसबॉल में ही माइक्रोचिप लगाई जाती थी। इग्लैंड-बांग्लादेश के बीच खेले जाने वाले पहले मैच से इनको इस्तेमाल किया जाना शुरू हो जाएगा। बल्ले पर माइक्रोचिप लगाने का मकसद यह है कि इसके जरिए मैदान पर खिलाडिय़ों के रिएक्शन टाइम व गतिविधियों को देखा जा सकेगा। वहीं बल्लेबाज की पिच मूवमेंट, उनके शॉटस का डाटा रिकॉर्ड किया जा सकेगा। इसके तहत प्रत्येक टीम के तीन खिलाडिय़ों के बल्लों के हैंडल में इस तरह की कम्प्यूटराइजड चिप लगाई जाएगी। भारतीय टीम के रोहित शर्मा, आर.अश्विन व अजिंक्य रहाणे के बल्ले में यह चिप लगाई जाएगी। वहीं इंग्लैंड के जेसन रॉय, एलेक्स हेल्स व बेन स्टोक्स के बल्ले पर यह चिप लगाई गई है। माइक्रोचिप के डाटा से यह पता चल सकेगा कि खिलाड़ी ने कितनी गेंद ऑफ साइड, लेग साइड में खेली व कितनी गेंदों पर तेज प्रहार किया। इसी तरह पिच का पूरा एनालिसिस करने के लि ए खास तरह के ड्रोन कैमरे का प्रयोग किया जाएगा। मैच के दौरान दर्शक अब फ्री वाई-फाई सेवा का भी उपयोग कर सकेंगे।

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