जयपुर। व्यावसायिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए शुभदीप फाईनेंस कम्पनी गणपति प्लाजा, एमआई रोड जयपुर से 2014 में 15 लाख रुपए उधार लेकर भुगतान पेटे फर्जी चेक देने के मामले में एनआई एक्ट मामलों की स्पेशल कोर्ट-19 में जज श्वेता दाधीच ने अभियुक्त दिनेश परसरामपुरिया निवासी विद्याधर नगर-जयपुर को 2 साल की जेल एवं 21 लाख 3० हजार रुपए के जुर्माने की सजा से दण्डित किया है।
कोर्ट ने आदेश में कहा कि वर्तमान में चेक अनादरण के प्रकरणों में लगातार बढोतरी हो रही है। आर्थिक विकास के लिए व्यावसायिक विकास आधारभूत आवश्यकता है। इसके लिए आर्थिक जगत में सुरक्षा का वातावरण बना रहना अत्यन्त आवश्यक है।
परिवादी फाइनेंस कम्पनी ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त की ओर से दिया गया चेक बैंक से 23 जून, 2०14 को इनसफिशियंट फण्ड्स के रिमार्क के साथ बैंक से अनादरित हो गया था।
बाद में 4 जुलाई को लीगल नोटिस दिया। भुगतान नहीं करने पर 16 अगस्त को अदालत में परिवाद दायर किया गया। अभियुक्त ने परिवाद का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि चेक उसकी कम्पनी एमआर के पाईप्स लिमिटेड, वीके आई जयपुर के लिए ऋण लेते समय बतौर गारंटी देने व ऋण चुका दिए जाने के बावजूद चेक नहीं लौटा कर परिवादी ने दुरुपयोग किया है।