जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सोमवार को अचानक एक आम लोगों की तरह जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचीं। वे वहां बुक स्टॉल्स पर गईं और कई प्रख्यात लेखकों की किताबें देखीं। उन्होंने अपने लिए कुछ किताबें भी खरीदीं। राजे फेस्टिवल में एक आम प्रतिभागी की तरह पहुंचीं और साहित्य के महाकुम्भ में आम साहित्य प्रेमी की तरह शिरकत की। इस दौरान उन्होंने वहां बनाए हुए विभिन्न मण्डपों का अवलोकन किया। वे करीब एक घण्टे लिटरेचर फेस्टिवल में रहीं। इस दौरान उन्होंने लेखकों, महिलाओं एवं युवाओं से बातचीत की। उन्होंने यहां स्कूली बालिकाओं को किताबों पर आॅटोग्राफ भी दिए और कहा कि वे अपने साहित्य पढ़ने की रूचि को इसी तरह बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह लिटरेचर फेस्टिवल साहित्य को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से महत्वपूर्ण मंच है। यहां आकर विभिन्न भाषाओं के उन प्रसिद्ध लेखकों से मिलने का मौका भी मिल जाता है जिन्हें हम उनकी साहित्य रचनाओं के माध्यम से ही जानते हैं। उन्होंने यहां बनाए गए माण्डणा चैक की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि माण्डणा आर्ट काबिले तारीफ है।
जवाहर कला केन्द्र में प्रदर्शनी का अवलोकन किया
राजे यहां से जवाहर कला केन्द्र पहुंचीं। यहां उन्होंने वास्तुकला प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने यहां कलाकृतियों को देखा और क्रिएटिविटी की प्रशंसा की। उन्होंने जवाहर कला केन्द्र में कराए गए रिनोवेशन कार्यों का भी अवलोकन किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। राजे ने विभिन्न कला दीघार्ओं को देखा और अधिकारियों से कहा कि कला की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस केन्द्र को और बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएं। इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव पर्यटन, कला एवं संस्कृति सुबोध अग्रवाल सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।