जयपुर. अक्सर सियासी दांव-पेंच से एक-दूसरे को चित्त करने में लगे राजनीतिक दिग्गज आज हकीकत में कबड्डी के मैदान में उतरे। मैच के रेफरी बने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खिलाड़ियों से ज्यादा सुर्खियों में रहे। यह रोचक मैच हुआ चित्तौड़गढ़ में। ग्रामीण ओलंपिक में शुक्रवार को निम्बाहेड़ा (चित्तौड़गढ़) में आयोजित ब्लॉक स्तरीय कबड्डी मैच में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा और तीन मंत्री खिलाड़ी बनकर मैदान में उतरे। एक तरफ खेल मंत्री अशोक चांदना और उदयलाल आंजना थे। दूसरी तरफ गोविंद सिंह डोटासरा और खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास थे। करीब डेढ़ मिनट के इस सांकेतिक मैच की खूब चर्चा हो रही है। सबसे पहले मंत्री खाचिरयावास रेडर बनकर आंजना-चांदना की टीम को चुनौती देने गए। खाचिरयावास सुरक्षित लौट गए। इसके बाद आंजना विपक्षी टीम में रेडर बनकर गए और वे भी सुरक्षित लौटने में कामयाब रहे। इसके बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा आंजना-चांदना की टीम के सामने रेडर बनकर गए तो उन्हें खिलाड़ियों ने पकड़ लिया। वे आउट हो गए। डोटासरा के आउट होने के बाद खेल मंत्री अशोक चांदना खाचरियावास-डोटासरा की टीम के पाले में रेड करने आए। दो विपक्षी खिलाड़ियों ने चांदना को पकड़ा तो सही, लेकिन वे प्लेयर्स को खींचते हुए लाइन तक ले आए। दरअसल, अशोक चांदना खुद पोलो और क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी हैं।
कबड्डी मैच में सीएम गहलोत का रेफरी बनना, प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा के आउट होने और तीन मंत्रियों के नोट आउट रहने की सिक्वेंस भी रोचक है। इसी सिक्वेंस और हालात को कांग्रेस की सियासत में देखा जाए तो कुछ ऐसे ही समीकरण बनते हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा पहले शिक्षा मंत्री थे, लेकिन एक व्यक्ति एक पद फामूर्ले के आधार पर उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। बाकी तीनों मंत्री बरकरार रहे थे। कबड्डी मैच में रेफरी बनने से पहले सीएम अशोक गहलोत ग्रामीण ओलंपिक में खुद भी मैदान में उतर चुके हैं। दो दिन पहले प्रतापगढ़ में ग्रामीण ओलंपिक के कबड्डी मैच में गहलोत रेडर बने थे। हालांकि, उन्हें खिलाड़ियों ने पकड़ा नहीं, केवल सांकेतिक रेडर बने थे।
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