जयपुर. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा.सतीश पूनियाँ , नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया , उप-नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया । प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए डा.सतीश पूनियाँ ने कहा की ये राजस्थान का दुर्भाग्य है की ऐसे कठिन समय में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , प्रियंका गांधी की चापलूसी में लगें है । प्रियंका को खुश करने के लिए गहलोत मज़दूरों को हथियार बना रहें है । किसी ने भी ये नहीं सोचा था की मुख्यमंत्री और कांग्रेस इस तरह की ओछी राजनीति करेंगे ।
पहले मुख्यमंत्री ने घोषणा की की हमारे पास 4 हज़ार बसें है इनसे हम प्रवासी मज़दूरों को लाएँगे और छोड़ कर आएँगे , बाद में कहा की केंद्र हमें ट्रेन उपलब्ध करवाए , केंद्र सरकार ने तुरंत 85 प्रतिशत रियायत के साथ ट्रेन उपलब्ध करवा दी , फिर सोनिया गांधी ने घोषणा की की श्रमिकों को लाने ले जाने का सारा खर्चा कांग्रेस उठाएगी । प्रदेश सरकार ने ट्रेन से श्रमिकों को लाने और पहुँचाने की ज़िम्मेदारी तो नहीं उठाई , ना सोनिया ने पैसा दिया ,बल्कि प्रियंका गांधी को हीरो बनाने के लिए नोटंकी करते हुए मुख्यमंत्री श्रमिकों के साथ खिलवाड़ कर रहें है ।
डा. पूनियाँ ने कहा की कांग्रेस ने अपनी नौटंकी के लिए मज़दूरों का मज़ाक़ बना दिया है । प्रदेश की सारी सड़कों पर कई दिनों तक मज़दूर भटकते रहे , उनकी सुध लेने के बजाय मुख्यमंत्री और गांधी परिवार राजनीति करता रहा । 3 दिन से यूपी के बोर्डर पर ड्रामा चला रखा है , झूठी वाही-वाही लुटने के लिए प्रदेश भर में सरकार का दबाव बना कर कुछ बसें इक्कट्ठी करके खड़ी कर दी , जिनमें मज़दूर है ही नहीं , ड्राईवर भूखे है । यूपी सरकार ने लिस्ट माँगी तो 1 हज़ार बसों का दावा करने वालों ने ओटो रिक्शा और मोटरसाईकल की लिस्ट पकड़ा दी । इसी फ़र्ज़ीवाड़े के कारण यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष पर मुक़दमा दर्ज हो गया । आज जब कोरोना से लड़ाई में भारत सरकार इतना अच्छा काम कर रही है , दुनिया भर में सराहना हो रही है , डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी अध्यक्ष का पद भारत को मिला है , तब भी कांग्रेस का गांधी परिवार जनता को धोखा देने के अपने पुश्तेंनी काम से बाहर नहीं आ रहा है ।
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नम्बर वन दिखने की लालसा के कारण प्रदेश में ये हालात उत्पन हुए है । इनके ग़लत निर्णयों के कारण प्रदेश में आने और जाने वाले प्रवासियों के लिए ना ट्रेन है ना बसें , बाँसवाड़ा , डूंगरपुर, उदयपुर में जंगल के रास्ते प्रवासी पैदल आ रहे है , उनकी ना स्क्रीनिंग हो रही है ना देखभाल , मेने इस बारे में मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी थी पर उसका भी कोई जवाब नहीं आया । दूसरे प्रदेशों में सैंकड़ों की संख्या में ट्रेने प्रवासियों को लाने और ले जाने का काम कर रही है पर राजस्थान में अभी तक केवल 32 आई है । जिनमें भी आने वाले कम और जाने वाले ज़्यादा है । राजस्थान की हर सड़क पर प्रवासी है अपनी घोषणा के अनुसार कितने एसडीएम के ख़िलाफ़ मुख्यमंत्री ने कार्यवाही कर दी बताए । भामाशाहों ने लोगों के खाने पीने की ज़िम्मेदारी उठा रखी है , सरकार तो इसमें भी फ़ेल हो गई । राज्य को भारत सरकार ने अलग-अलग मद में हज़ारों करोड़ रुपए दिए । मुख्यमंत्री की माँग पर क़र्ज़ लेने की सीमा को जीडीपी के 3 प्रतिशत से बढ़ा कर 5 प्रतिशत किया , फिर भी मुख्यमंत्री ने उन्हें धन्यवाद तक नहीं दिया । नरेगा में आने वाले 2 लाख 50 हज़ार प्रवासियों के जाब कार्ड ही नहीं बने ।
कटारिया ने कहा की राज्य सरकार ने खुद के ख़ज़ाने से कुछ नहीं किया , सीएम रिलीफ़ फ़ंड से जनता का कुछ भला नहीं हुआ । मरकज़ की वजह से कोरोना फ़ेला , उसके ख़िलाफ़ भी मुख्यमंत्री कुछ नहीं बोलते । पीछे से बयान बाज़ी करने के बजाय सामने आओ और मीडिया के सामने , आमने-सामने को बहस कर लो और बता दो की आपने राजस्थान की जनता के लिए क्या किया है ।
उप-नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा की अफ़रातफ़री का माहौल तब बना जब सोनिया गांधी का बयान आया और उन्होंने कहा की देश भर के 8 करोड़ से अधिक प्रवासियों का खर्च कांग्रेस उठाएगी , मज़दूर उनके भुलावे में आ गए और वो मुकर गई । नौटंकी करने के लिए अब ऊँचा नगला में 223 बसें लेकर खड़े जो ख़ाली है और उनका फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट भी नहीं है , बसों की जगह ओटो , मोटरसाईकल की सूची थमा दी और बाद में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता कह रहे है की ये टाइपिंग मिस्टेक थी । रजिस्ट्रेशन के पोर्टल की 24 अप्रेल को शुरुआत होने ले बाद अब तक 22 लाख 17 हज़ार लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके है , जिनमें 12 लाख 90 हज़ार आने वाले और 9 लाख 27 हज़ार जाने वाले है । लेकिन इनकी कोई व्यवस्था नहीं है । 2 लाख 50 हज़ार लोग अपने संशोधनों से आए है । जिनमें से सरकारी लापरवाही के कारण 888 लोग पोज़िटिव आयें है । भारत सरकार ने जो योजनाओं के ज़रिए सहायता देने की घोषणा की है उसका लाभ लोगों तक पहुँचे इसकी प्रदेश सरकार की कोई तैयारी नहीं है । खाद्य और नागरिकता विभाग के द्वारा बीपीएल परिवारों के अलावा , और वंचित लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ देने के लिए सर्वे करवाने की घोषणा की थी ,मोबाईल एप के माध्यम से 20 मई तक ग्रामीण क्षेत्रों का और 24 मई तक शहरी क्षेत्रों का सर्वे होना था , लेकिन अभी तक वो एप ही नहीं बना , तो ये लाभ किसको देंगे । किसानों के लिए 3 प्रतिशत पर लोन देने को घोषणा कर दी पर उसकी वित्तीय स्वीकृति जारी ही नहीं की । संकट के इस समय में पीएम फ़सल बीमा में राज्य सरकार का ख़रीफ़ की फ़सल का 460 करोड़ रुपया जमा करवाया ही नहीं । एमएसपी पर फ़सल की ख़रीद के लिए केंद्र सरकार ने 5 गाँवो पर एक एक ख़रीद केंद्र बनाने के लिए कहा था , लेकिन ऐसा हुआ ही नहीं , क्योंकि सरकार की कोई तैयारी ही नहीं है ।