जयपुर। एक अक्टूबर से प्रभावी मुख्यमंत्री जीएसटी बिल पुरस्कार योजना से कारोबारियों और नागरिकों के लिए ही लाभकारी होने के साथ ही बिल से ही लेन देन को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री जीएसटी पुरस्कार योजना में राज्य स्तर के साथ ही जिला स्तर पर भी पुरस्कार देने के प्रावधान किए गए हैं। मोबाइल एप और ऑनलाईन पोर्टल पर माह की समाप्ति के बाद 10 दिवस में बिल/इनवाइस अपलोड करने की सुविधा होने से योजना में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित हो पाएगी। योजना की समाप्ति पर आकर्षक बम्पर पुरस्कार भी रखे गए हैं। योजना में दिए जाने वाले पुरस्कारों का चयन प्रतिमाह 20 तारीख को लॉटरी द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री जीएसटी बिल पुरस्कार योजना में एक करोड़ रुपये तक का बम्पर पुरस्कार के साथ ही प्रतिमाह कुल 45 लाख रुपये तक के पुरस्कार दिए जाएंगे। मासिक पुरस्कार में प्रथम के रूप में दस लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 5-5 लाख रुपये के दो पुरस्कार तथा तृतीय पुरस्कार के रूप में 50-50 हजार रुपये के 20 पुरस्कार दिए जाएंगे। इसी तरह से 50 जिलों के दस दस हजार रुपए के 50 पुरस्कार दिए जाएंगे। एक हजार रुपए के एक हजार सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे। वार्षिक बम्पर पुरस्कार में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में क्रमशः एक करोड़ रुपये का एक पहला पुरस्कार, 25-25 लाख रुपये के दो द्वितीय पुरस्कार एवं 15-15 लाख रुपये के 3 तृतीय पुरस्कार दिए जाएंगे। इस तरह से प्रतिमाह 45 लाख रु. के 1073 पुरस्कार दिए जाएंगे वहीं एक करोड़ 95 लाख रु. के 6 बम्पर पुरस्कार दिए जाएंगे। राज्य सरकार ने वाणिज्यिक कर विभाग को योजना का नोड़ल विभाग बनाते हुए योजना के व्यापक प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी दी हैं वहीं एयरलाईन, रेलवे, बैंकिंग व वित्तीय संस्थान, बीमा कम्पनी, ई-कामर्स ऑपरेटर, सरकारी व अर्द्ध-सरकारी कम्पनी, ऑटोमोबाईल नॉन-वेज खाद्य पदार्थ, मदिरायुक्त पेय, इलेक्ट्रोनिक्स व डिजिटल गैजेट्स तथा मल्टीनेशनल/नेशनल कम्पनियों की फूड चैन कम्पनियों द्वारा जारी बिल/इनवाइस को इस योजना से बाहर रखा गया है। योजना के अनुसार एक हजार से एक लाख तक की राशि के बिल अपलोड किए जा सकेंगे। योजना एक अक्टूबर से 31 दिसम्बर 2024 तक की अवधि में जारी बिलों पर लागू होगी। वित्त एवं राजस्व विभाग के शासन सचिव डॉ कृष्णकांत पाठक ने बताया कि राज्य में जीएसटी बिल/इनवाइस जारी करने और आम नागरिकों द्वारा खरीदारी करने पर बिल इनवाइस प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक अक्टूबर से पुरस्कार योजना आरंभ की जा रही है। इससे दोहरा लाभ होगा जहां एक और स्टेक होल्डर्स बिल या इनवाइस जारी कर कारोबार करने के लिए प्रेरित होंगे वहीं आम नागरिक भी किसी भी खरीददारी के समय बिल प्राप्त करने के लिए सजग होंगे। इससे प्रदेश में राजस्व में बढ़ोतरी होगी और किसी भी तरह की छीजत पर प्रभावी रोक लग सकेगी। देश में राज्य सरकार स्तर पर इस तरह की पहल करने वाला राजस्थान पहला राज्य होगा।
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