जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्थान और विशेषकर जोधपुर के लोग उदारमना और मानवता के लिए समर्पित हैं। समाज सेवा यहां की तासीर में है। यहां के लोगों ने प्रदेश, देश और विदेश में कई रूपों में समाज सेवा के कार्य किये हैं।
गहलोत शनिवार को जोधपुर के चौखा क्षेत्र में नेत्रहीन विकास संस्थान द्वारा नवनिर्मित ‘अजय लीला विशिष्ट शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय‘ भवन का लोकार्पण के अवसर पर आमजन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्थान की संचालक श्रीमती सुशीला बोहरा ने जज्बे के साथ नेत्रहीनो के लिए कार्य किया है। उनकी अगुवाई में इस संस्थान ने नेत्रहीनों, मूक-बधिरों के लिए समर्पित भाव से बेहतरीन काम किया है। इसी प्रकार बासनी तंबोलियान में भी मूक-बधिरों की सहायतार्थ काम हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दिव्यांगों को हर संभव सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग भी कंप्यूटर, मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों का कुशलतापूर्वक संचालन करते हैं। ऎसे विशेष योग्यजनों को और अधिक सुविधाएं तथा अवसर देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बचपन से ही मूक-बधिर बच्चों को उपकरण सहित अन्य सुविधाएं मुहैया करवा रही है। दिव्यांग जनों की सहायता के लिए किसी तरह के धन की कमी आने नहीं दी जाएगी।
श्री गहलोत ने बताया कि जोधपुर में कार्यरत स्वयंसेवी संगठनों तथा दिव्यांगों के लिए काम करने वाली संस्थाओं के साथ जयपुर में बैठक करके उनकी आवश्यकताओं पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पूर्व में भी दिव्यांगों की संस्थाओं के शिक्षकों को राजकीय सेवा में समायोजित कर लिया था।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने कहा कि श्रीमती सुशीला बोहरा ने नेत्रहीनों के कल्याण के लिए परमार्थ के कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि नेत्रहीन विकास संस्थान, जोधपुर के साथ राज्य सरकार के सहयोग पर विचार किया जाएगा।
संस्थान की संचालक श्रीमती सुशीला बोहरा ने कहा कि 42 वर्ष पूर्व इस संस्थान की स्थापना के समय से ही संस्थान को श्री अशोक गहलोत का सानिध्य प्राप्त है। संस्थान में सभी तरह के दिव्यांग शिक्षा प्राप्त करते हैं। होनहार विद्यार्थियों की इस संस्था ने देशभर में अपना मुकाम बनाया है और इस वि़द्यालय पढ़ने वाले छात्रों ने बेहतरीन पैकेज के साथ नौकरियां हासिल की हैं।
जैन संत श्री चन्द्रप्रभ सागर ने कहा कि संस्थान की संचालक श्रीमती बोहरा ने हजारों दिव्यांग बच्चों को नया जीवन दिया है। ऎसी महिलाएं कमजोर, दीन-दुःखी, नेत्रहीन बच्चों के लिए समर्पण भाव से कार्य करके अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। संत श्री सागर ने संबोधि धाम की ओर से नेत्रहीन विकास संस्थान के लिए सवा लाख रूपए प्रदान करने की घोषणा की।