जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने श्रीगंगानगर जिले के तीन दिवसीय दौरे में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में अधिकारियों के खिलाफ मिली शिकायतों को गंभीरता से लिया। श्रीमती राजे के निर्देश पर श्रीगंगानगर जिला परिषद के सीईओ विश्राम मीणा, राजस्व अपील अधिकारी, श्रीगंगानगर प्रेमाराम परमार एवं जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) तेजासिंह को तुरन्त प्रभाव से हटा दिया गया। मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान लोगों ने सीईओ, श्रीगंगानगर जिला परिषद विश्राम मीणा के खिलाफ पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण पट्टा वितरण अभियान के दौरान पट्टे वितरण में लापरवाही बरतने की शिकायत की थी।
इसके अलावा भी जनसंवाद में उनके खिलाफ कई लोगों ने शिकायतें की थी। राजस्व अपील अधिकारी प्रेमाराम परमार के खिलाफ लोगों ने कार्य के प्रति उदासीनता बरतने एवं फरियादियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करने की शिकायतें की थीं। जनसंवाद में जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) तेजासिंह के खिलाफ भी लोगों की नाराजगी सामने आई थी। लोगों ने शिकायत की थी कि वे कार्य के प्रति लापरवाही बरतते हैं। मुख्यमंत्री ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया और जनसंवाद के दौरान ही कहा कि आमजन को राहत पहुंचाने में जो लापरवाही बरतेगा, उसे किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। श्रीमती राजे के निर्देशों के बाद कार्मिक विभाग ने गुरुवार शाम को आदेश जारी कर विश्राम मीणा को निदेशक, राजस्व अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान अजमेर, प्रेमाराम परमार को रजिस्ट्रार, शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर लगा दिया। इसी प्रकार शिक्षा विभाग (गु्रप-2) ने एक आदेश जारी कर डीईओ तेजासिंह को प्रधानाचार्य डाईट, करौली लगाया है।