-डाॅ. दिगम्बर सिंह का निधन
जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे बीस सूत्री कार्यक्रम समिति के उपाध्यक्ष डाॅ. दिगम्बर सिंह के निधन से इतनी आहत हुईं कि वे अपने आंसू नहीं रोक पाईं। मुख्यमंत्री एक ओर तो डाॅ. सिंह के परिजनों को ढांढस बंधा रही थीं, लेकिन उनके स्वयं के आंसू यह बयां कर रहे थे कि डाॅ. दिगम्बर सिंह का निधन उनके लिए कितनी बड़ी क्षति है। राजे शुक्रवार को ईएचसीसी अस्पताल पहुंचीं और डाॅ. दिगम्बर सिंह की पार्थिव देह पर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
मुख्यमंत्री करीब एक घंटे तक अस्पताल में ही रहीं। डाॅ. सिंह के परिजनों को ढांढस बंधाते हुए श्रीमती राजे ने कहा कि दुख की इस घड़ी में वे उनके साथ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅ. दिगम्बर सिंह का निधन उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है। सार्वजनिक जीवन में लम्बे समय सिंह ने उनके साथ काम किया। कई कठिन परिस्थितियों में भी वे उनके साथ रहे। वे एक जननेता थे। उनकी ईमानदारी, समर्पण, सेवाभाव, मिलनसारिता और सुख-दुख में काम आने की प्रवृत्ति सभी के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने भरतपुर और धौलपुर के जाटों के आरक्षण को लेकर भी पूर्ण सक्रियता और समर्पण से आवाज उठाई। उनके निधन से पार्टी संगठन और पूरे प्रदेश को अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिर-शांति और शोक संतप्त परिवार को इस दुःख की घड़ी में धैर्य एवं साहस प्रदान करे। राज्य मंत्रिपरिषद के विभिन्न सदस्य, बोर्ड एवं आयोगों के अध्यक्ष तथा बडी संख्या में अन्य जनप्रतिनिधि भी इस दौरान अस्पताल पहुंचे तथा शोक व्यक्त किया।