जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा है कि औसत से कम बरसात होने के कारण प्रदेश के कई जिलों में अकाल की स्थिति उत्पन्न हो गई है लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तो राजनीतिक उद्देश्य को लेकर यात्रा में मस्त हैए इस ओर उनका कोई ध्यान नहीं है। वे तो केवल थोथी घोषणाएं कर ही आत्ममुग्ध हो रही हैं।
गहलोत ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में आवश्कतानुरूप बरसात नहीं होने के कारण किसान परेशान हो रहे हैं। पर्याप्त वर्षा के अभाव में किसानों की फसलें खराब हो गयी हैंए उनकी आशाएं धूमिल हो रही है। जोधपुरए जैसलमेरए बाड़मेरए जालोरए पाली इत्यादि जिलों में अकाल की स्थिति किसानों के लिए अधिक परेशानी का सबब बन गयी है। इन जिलों में एक दशक पूर्व के अकाल के समान ही हालात बन गये हैं। राज्य के हजारों गांवों में पशुओं के लिए चारे.पानी के अभाव की स्थिति बन गई हैए जिससे पशुपालकों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री का ध्यान कभी भी किसानों की समस्याओं की और नहीं रहा। पहली बार राज्य के किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने सुझाव दिया कि अकाल प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मनरेगा योजना के तहत काम की सीमा को बढ़ाकर 150 दिन किया जाना चाहिए। सरकार को प्रदेश में अकाल की चपेट में आए जिलों के प्रभावितों को राहत देने तथा पशुओं के लिए चारे.पानी की व्यवस्था करने का कार्य तुरन्त प्रभाव से प्रारंभ करना चाहिए।