जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पार्टी कार्यक्रम के लिए जोधपुर आ रही हैं, इसका सरदारपुरा क्षेत्र से विधायक होने के नाते वो स्वागत करते हैं लेकिन रिफाईनरी को लेकर मुख्यमंत्री जो रोड शो करना चाहती हैं वो समझ के परे है। यदि चार साल से रिफाईनरी को लटकाकर नहीं रखा जाता तो अब तक रिफाइनरी का काम करीब-करीब पूरा हो जाता। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा रिफाइनरी में जो चार साल देरी की गई उससे रिफाइनरी की स्थापना के समय निर्माण तथा अन्य गतिविधियों से हजारों लोग मिलने वाले लाभों से वंचित, रिफाइनरी के प्रारंभ होने से राज्य सरकार के राजस्व (रॉयल्टी वैट, सीएसटी) में विलम्ब तथा साथ ही पेट्रोकेमिकल काम्पलेक्स से जुड़े हजारों सहयोगी लघु उद्योग तथा रोजगार सृजन में भी विलम्ब हुआ है, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि 40 हजार करोड़ ऋण कम किये जाने की जो बात की जा रही है, वह अर्द्धसत्य है क्योंकि इनको यह नहीं भूलना चाहिए कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 2013 में जो एमओयू किया था उस वक्त क्रूड ऑयल का उत्पादन 4.5 एमएमटीपीए तथा 4.5 एमएमटीपीए इम्पोर्ट किया जाना था, उसके आधार पर समझौता हुआ था तथा साथ ही यह शर्त जोड़ी गई थी कि यदि उत्पादन बढ़ता है तथा इम्पोर्ट घटता है तो ऋण की राशि स्वतः ही कम हो जायेगी। अब जबकि क्रूड ऑयल का उत्पादन 9.1 एमएमटीपीए हो गया है तो ऋण राशि कम होनी ही थी। लेकिन अर्द्धसत्य बोलकर लोगों में भ्रम फैलाने का काम किया जा रहा है। गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे रोड शो का नाटक करने और स्वागत करवाने की बजाय मारवाड़ के लोगों और प्रदेशवासियों से इतनी महत्वपूर्ण रिफाईनरी परियोजना में देरी करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को यह भलीभांति अहसास है कि जन भावनाओं के आगे सरकार को झुकना पड़ा और चुनाव से पहले रिफाईनरी का काम शुरू करवाने का फैसला करना पड़ा।