जयपुर। समाज में चाइल्ड पॉर्न की लत नशे की तरह बढ़ती जा रही है। भारत में भी तेजी से यह नशा बढ़ता जा रहा है। एक सरकारी डेटा के मुताबिक इंटरनेट पर चाइल्ड सेक्शुअल अब्यूज मटीरियल तलाशने व शेयर करने के मामले में देश के मेट्रो से लेकर छोटे शहर शामिल हैं। इस मामले में सबसे आगे अमृतसर, लखनऊ, अलापुझा, त्रिशूर जैसे शहर अग्रणी है। सबसे आगे अमृतसर शहर है। इस शहर में 1 जुलाई 2016 से 15 जनवरी 2017 के बीच चाइल्ड पॉर्न से जुड़े 4 लाख 30 हजार से ज्यादा फ ाइलें शेयर की गईं। इसके बाद दिल्ली व लखनऊ का नम्बर आता है। हालांकि आगरा, कानपुर, बैराकपुर और दीमापुर ऐसे शहर थे, जहां पिछले छह महीने में चाइल्ड पॉर्न को लेकर इंटरनेट पर लोगों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। चाइल्ड पॉर्न से जुड़ा यह डेटा कम्प्यूटरों के आईपी एड्रेस पर आधारित है। ऑनलाइन चाइल्ड पॉर्न देखने की इच्छा इंटरनेट से दूर असल जिंदगी में चाइल्ड अब्यूज की प्रवृत्ति से जुड़ी है। समाज विज्ञानी विद्या रेड्डी ने कहा, चाइल्ड पॉर्न का वीडियो किसी न किसी बाल यौन शोषण से जुड़ा है। तकनीक ने चाइल्ड सेक्शुअल अब्यूज से जुड़ा कॉन्टेंट लोगों को आसानी से उपलब्ध करा दिया है। जयपुर के एडवोकेट राजेश शर्मा के मुताबिक, लोगों को पता ही नहीं है कि चाइल्ड पॉर्न देखना या डाउनलोड करना कानूनन अपराध है। इस तरह का मटीरियल देखना या शेयर करना गैर जमानती अपराध है। इसमें सात साल की जेल और 10 लाख रुपये की पेनल्टी लग सकती है।

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