delhi.अगले वर्ष की शुरूआत में भारत से चीन को चीनी का निर्यात प्रारंभ होगा। 15,000 टन चीनी के निर्यात के लिए इंडियन शुगर मिल एसोसियेशन (आईएसएमए) और चीन की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सीओएफसीओ के बीच समझौता हुआ। वाणिज्य मंत्रालय की पहल से यह संभव हुआ है। चीनी निर्यात के लिए दोनों देशों के अधिकारियों के बीच कई दौर की बैठके हुईं थीं।
अगले वर्ष के प्रारंभ में भारत 2 मीट्रिक टन चीनी का निर्यात चीन को करेगा। गैर बासमती चावल के बाद चीनी दूसरा उत्पाद है जिसे चीन भारत से आयात करेगा। चीन के साथ भारत के 60 बिलियन डॉलर के व्यापारिक घाटे को कम करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है। 2017-18 के दौरान भारत ने चीन को 33 बिलियन डॉलर के मूल्य के उत्पादों का निर्यात किया, जबकि चीन से भारत का आयात 76.2 बिलियन डॉलर है।
भारत दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक है। 2018 में देश में 32 एमएमटी चीनी की उत्पादन हुआ। भारत तीनों ही श्रेणियों – कच्ची, रिफाइंड और श्वेत – की चीनी का उत्पादन करता है। भारतीय चीनी उच्च गुणवत्ता वाली होती है और यह डैक्सट्रेन से मुक्त होती है क्योंकि गन्ना काटने के बाद निम्नतम समय में मिल में गन्ने की पेराई होती है। भारत ऐसी स्थिति में है कि वह चीन को बड़ी मात्रा में उच्च गुणवत्ता वाली चीनी का निर्यात कर सके।