खातीपुरा रोड के प्रताप नगर स्थित ग्रेनेड मार्ग के कॉर्नर पर ही आवासीय भूखण्ड पर बनाई जा रही अवैध कॉमर्शियल इमारत। शिकायत के बाद भी जयपुर नगर निगम के अफसर, अभियंता और विजिलैंस शाखा आयुक्त नहीं कर रहे कार्रवाई।
संजय सैनी
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव की आड़ में जयपुर में अवैध बहुमंजिला आवासीय और कॉमर्शियल इमारतें खड़ी होने लगी है। अवैध निमार्णों में नगर निगम और जेडीए अफसरों-कर्मचारियों की शह मिली हुई है। ऐसा ही एक अवैध निर्माण सिविल लाइन नगर निगम जोन कार्यालय के प्रताप नगर आवासीय कॉलोनी में हो रहा है। खातीपुरा रोड स्थित प्रताप नगर आवासीय कॉलोनी के ग्रेनेड मार्ग के कॉर्नर पर स्थित भूखण्ड संख्या एक पर यह अवैध निर्माण गत एक महीने से चल रहा है। नगर निगम से नक्शे पास किए बिना ही यह निर्माण तेज गति से हो रहा है। भू-कारोबारी भवन निर्माण नियम के तहत सैटबैक भी नहीं छोड़ रहा है। जब से निर्माण हुआ है, तभी से कॉलोनी की शांति भंग होने लगी है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यहां अवैध कॉमर्शियल इमारत खड़ी की जा रही है, जिसके चलते तहखाना बनाया है। अब फर्स्ट फ्लोर की छत डालने की तैयारियां शुरू हो गई है। इस संबंध में जयपुर नगर निगम आयुक्त मोहन लाल यादव, सिविल लाइन जोन आयुक्त, विजीलैंस आयुक्त बाघ सिंह को लिखित शिकायत की जा चुकी है। शिकायत पर कुछ दिन तो काम बंद रहा, लेकिन अब फिर से शुरू हो गया है। विजीलैंस आयुक्त बाघ सिंह को मोबाइल मैसेज से और नगर निगम की अतिक्रमण रोधी कंट्रोल रुम में भी फोन करके यहां हो रहे अवैध निर्माण के बारे में शिकायत दी जा रही है, लेकिन मिलीभगत के चलते अवैध निर्माण को रोका नहीं जा रहा है। बल्कि यहां तेजी से अवैध निर्माण होने लगा है।
ना रोका और ना ही गार्ड लगाए
नगर निगम में अवैध निर्माण को रोकने के लिए नई व्यवस्था की गई है। अवैध निर्माण की शिकायत आने पर अधिकारी जांच के बाद वहां सुरक्षा गार्ड बैठाने लगे हैं। लेकिन इस भूखण्ड पर हो रहे कॉमर्शियल निर्माण को रोकने के लिए प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है। ना तो अवैध निर्माण को रोका जा रहा है और ना ही अवैध निर्माण स्थल पर कोई गार्ड नियुक्त किया है, जो अवैध काम को रोक सके। इस अवैध निर्माण को रोकने के लिए जितेन्द्र सिंह ने दो-तीन बार लिखित शिकायत दे दी है। कंटझेल रुम में शिकायत दर्ज करवाई जा रही है, लेकिन निगम प्रशासन एक्शन नहीं ले रहा है। इस अवैध निर्माण से आवासीय कॉलोनी की शांति भंग होने का अंदेशा है।