राजस्थान. प्रदेश कांग्रेस कमेटी राजस्थान के अध्यक्ष सचिन पायलट ने आगामी 23 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र के मद्देनजर सरकार से थोथी घोषणाओं से परहेज कर वास्तविक व जनहित की नीतियों को मूर्तरूप देने की मांग की है।
पायलट ने आज एक बयान जारी कर कहा कि गत् तीन वर्षों में भाजपा सरकार ने बजट में जितनी भी घोषणाएं की थी उन्हें पूरा करने में सरकार विफल रही है। सरकार द्वारा निवेश आमंत्रित करने के लिए करोडो रूपये खर्च कर रिसर्जेन्ट राजस्थान जैसा आयोजन भी किया और इसके अलावा देश व विदेश में रोड शो भी किये गये। परन्तु निवेशकों को आकर्षित करने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने कहा कि जितने बड़े दावे किए गए थे, उसका एक प्रतिशत भी निवेश का नहीं आना बताता है कि प्रदेश में बढ़े अपराध इसके लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्य है कि किसानों को उसकी बर्बाद फसल का उचित मुआवजा दिलवाने में सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है। लाखों किसान मुआवजा नहीं मिलने से आर्थिक रूप से पूरी तरह से टूट गए है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक व घरेलू विद्युत दरों के बढऩे से आम उपभोक्ता पर जो भार बढ़ा है उसके कारण स्टील जैसे फलते-फूलते उद्योग से जुड़े लोग प्रदेश के बाहर संभावनाएं तलाशने के लिए मजबूर हो गए है, जो बताता है कि सरकार बाहर के उद्योगपतियों व निवेशकों को क्या आकर्षित करेगी जब घरेलू उद्योगपति ही प्रदेश में व्याप्त भय के वातावरण व सरकारी अनेदखी से पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से उपजी स्थितियों के कारण प्रदेश में उत्पादन इकाइयां ठप्प हो गयी है। ऐसे में सरकार को आगामी बजट में राज्य के करों में कटौती कर जनता को राहत देनी चाहिए। पायलट ने कहा कि सरकार का आम जनता के प्रति जो संवेदनहीन रवैया है वैसा ही व्यवहार प्रशासन में देखने को मिल रहा है जिसका खामियाजा अपराधों के बढऩे के कारण महिलाओं, गरीबों व दलितों को उत्पीडऩा के तौर पर सहन करना पड़ रहा है। इसलिए आवश्यक है कि वर्ष 2017-18 के बजट को सरकार जनता की भावनाओं के अनुरूप बनाकर पूरी तरह से निराश प्रदेश की जनता को राहत प्रदान करें।