मुख्यमंत्री-लाभार्थी जनसवांद कार्यक्रम, भामाशाह डिजिटल परिवार योजना का शुभारंभ
जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने मंगलवार को अमरूदों का बाग में आयोजित मुख्यमंत्री-लाभार्थी जनसवांद कार्यक्रम में ‘भामाशाह डिजिटल परिवार योजना‘ का शुभारंभ किया। इस योजना में इंटरनेट सेवा युक्त स्मार्टफोन खरीदने के लिए राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के पात्र प्रत्येक भामाशाह परिवार को दो चरणों में कुल एक हजार रुपये की सहायता दी जायेगी। इसमें पांच सौ रूपये की पहली किस्त स्मार्ट फोन के लिए तथा 500 रूपये की दूसरी किस्त इंटरनेट के लिए दी जाएगी।
राजे ने अनुसूचित जाति, जनजाति, दिव्यांगजन, सफाई कर्मचारी तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के ऋणमाफी योजना के लाभार्थी एवं नवनियुक्त सफाईकर्मियों के साथ जनसंवाद में कहा कि हमने हर वर्ग के गरीब परिवार को उसका हक दिलाने के लिए भामाशाह योजना शुरू की। जिसके माध्यम से न केवल कालाबाजारी रूकी बल्कि लाभार्थियों को योजनाओं के लाभ सीधे उनके खाते में मिलने लगा। उन्होंने कहा कि अब भामाशाह डिजिटल योजना के माध्यम से जरूरतमंद परिवारों को घर बैठे ही मोबाइल पर सरकारी योजनाओं की जानकारी मिल सकेगी और वे इनका लाभ ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारपेंटर, केश कलाकार, कुम्हार, मोची और प्लम्बर के कौशल विकास के लिए दिए जा रहे 2 लाख रूपये के ऋण के ब्याज की राशि राज्य सरकार ही वहन करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति वित्त एवं विकास निगम से कर्ज लेने वाले एससी, एसटी, सफाई कर्मचारियों, दिव्यांगजनों और ओबीसी के 2 लाख रूपये तक के ऋण भी ब्याज सहित माफ किए हैं। 114 करोड़ रूपये की इस ऋण माफी से उन लोगों को लाभ मिल रहा है जो यह ऋण चुकाने में सक्षम नहीं थे।
-कुशल वित्तीय प्रबंधन से जरूरतमंदों को राहत देने का हर प्रयास
राजे ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल के दौरान राज्य सरकार ने कुशल वित्तीय प्रबंधन करते हुए जरूरतमंदों को राहत देने के लिए हर प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने सड़क, बिजली, पेयजल तथा चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाया है जिस कारण आज प्रदेश विभिन्न क्षेत्रों में नम्बर वन है। उन्होंने कहा कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से आज गरीब से गरीब परिवार भी बड़े निजी अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वच्छ राजस्थान के निर्माण के लिए लम्बे समय से अधूरा काम पूरा किया और 184 नगरीय निकायों में 21 हजार से अधिक सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति का काम हाथ में लिया। उन्होंने नवनियुक्त सफाई कर्मचारियों को बधाई देते हुए आह्वान किया कि स्वच्छता सैनिक स्वच्छ और स्वस्थ राजस्थान के निर्माण में जी-जान से काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने जनसंवाद कार्यक्रम में उपस्थित लाभार्थियों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में विकास को गति मिली है और प्रदेश में व्यक्तिगत योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पारदर्शी तरीके से सीधा पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग द्वारा पालनहार, पेंशन योजना, सहयोग एवं उपहार योजना, छात्रवृत्ति, छात्रावास एवं आवासीय विद्यालय आदि योजनाओं को बेहतर तरीके से प्रदेश में लागू किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सामाजिक समरसता लाने के लिए आर्थिक पिछड़े वर्ग के लोगों को भी योजनाओं का लाभ देने के लिए मुख्यमंत्री ने बजट में 270 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने कहा कि राजस्थान के इतिहास में 21 हजार से अधिक सफाई कर्मचारियों की भर्ती का काम पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के दूरदर्शी विजन और कुशल नेतृत्व से राज्य सरकार ने जो जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई उनका सीधा फायदा प्रदेश के आमजन को मिला है।
राजे ने एससी-एसटी वित्त निगम की योजनाओं में स्वरोजगार के लिए 31 मार्च 2016 तक 2 लाख रूपये तक के ऋणी 11 लाभार्थियों को टोकन स्वरूप ऋण माफी योजना के अदेयता प्रमाण पत्र तथा 11 लाभार्थियों को ऋण राशि के चेक प्रदान किए। श्रीमती राजे ने 11 दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल तथा 11 लाभार्थियों को स्मार्ट फोन भी वितरित किए। इससे पहले मुख्यमंत्री का लाभार्थी महिलाओं ने चुनरी ओढ़ाकार स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने सफाई कर्मचारियों को सुरक्षा किट वितरित किए और उनके स्वास्थ्य एवं सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए तैयार की गई सफाई मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री बाबूलाल वर्मा, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री सुन्दरलाल, राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष श्री गोपाल पचेरवाल, निशक्तजन आयोग के अध्यक्ष श्री धन्नाराम पुरोहित, अनुसूचित जनजाति आयोग की अध्यक्ष प्रकृति खराड़ी, मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता श्री जेसी महांति, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वायत्त शासन श्री पवन कुमार गोयल, अनुसूचित जाति, जनजाति वित्त एवं विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री अनिल गुप्ता तथा निदेशक स्थानीय निकाय श्री पवन अरोड़ा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में लाभार्थी उपस्थित थे।