मुरलीपुरा थानाधिकारी की दबंगई, पार्षद किशन अजमेरा की शिकायत लेने के बजाय उन पर फैंक दी।
जयपुर। रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस थानों को करोड़ों रुपयों की सौगात देते हुए आला अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को नसीहत दी थी कि थानों में आने वाले लोगों से शालीन व्यवहार करें। उनकी शिकायतें सुनें और दर्ज करके न्याय दिलाने का कार्य किए। उधर,राजधानी के मुरलीपुरा पुलिस थाना सीएम के बयान के इतर राह पर है। कांग्रेस के एक पार्षद को मुरलीपुरा थाना पुलिस का दूसरा ही चेहरा और आचरण देखने को मिला। आम जन के साथ उनकी पीड़ा का निस्तारण करवाने गए कांग्रेस के स्थानीय पार्षद किशन अजमेरा की शिकायत पर कार्यवाही करने के बजाय थानाधिकारी देवेन्द्र जाखड़ ने उन्हें फटकार दिया और शिकायती पत्र तक नहीं लिया। यहीं नहीं उन्हें अरेस्ट करने की धमकी दे दी। यह देख वे सन्न रह गए और वापस आ गए।
उनकी शिकायत पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने से दादी का फाटक और नाड़ी का फाटक के बीच अजमेर-दिल्ली बायपास की सर्विस लेन पर स्थित नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की जमीन को लेकर मचा बवाल रविवार को बढ़ गया। जमीन पर अवैध ईंट-बजरी मंडी के अतिक्रमणों को हटाने के बाद मौके पर की गई तारबंदी और पत्थरगढी को रविवार अल सवेरे अज्ञात लोगों ने ध्वस्त कर दिया। तीन दिन से स्थानीय लोगों और अवैध रुप से ट्रक-ट्रैक्टर लगाने वालों के बीच विवाद चल रहा है। पूर्व में भी विवाद होते रहे हैं। रविवार अल सवेरे अचानक तारबंदी और पत्थरगढ़ी तोडऩे की घटना से हड़कंप मच गया। मौके पर बड़ी संख्या में कॉलोनीवासी एकत्र हो गए। इस प्रकरण की जानकारी शनिवार को एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर तक पहुंच गई थी और मौके पर जमीन को कब्जा लेने की तैयारी एनएचएआई अधिकारियों ने कर ली थी। आज विवाद के बाद भी टीम मौके पर पहुंची।
उधर, कॉलोनीवासियों का कहना था कि मुरलीपुरा थाना पुलिस ने ईंट-बजरी माफिया की मिलीभगत से इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। आरोप है कि अवैध बजरी-ईंट मण्डी के संचालन के लिए मोटी बंधी पुलिस थाना के पहुंचती थी। तीन दिन से मण्डी में ट्रक-ट्रैक्टर बंद होने से बजरी-ईंट माफिया पुलिस से मिलकर धमकाने और फंसाने की धमकी दे रहे हैं। पुलिस भी जनता के बजाय माफिया के साथ खड़ी है।
– पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा मामला
स्थानीय पार्षद किशन अजमेरा और कॉलोनीवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस आयुक्त आनन्द श्रीवास्तव से मुलाकात की। किशन अजमेरा ने थाने में उनके साथ हुए दुव्र्यवहार के बारे में बताया, साथ ही अवैध बजरी-ईंट माफिया के साथ मुरलीपुरा थाना पुलिस के साथ मिलीभगत की जानकारी दी। अवैध बजरी-ट्रक मंडी की आड़ में वहां होने वाली गैर कानूनी गतिविधियों की वीडियो फुटेज के साथ जानकारी दी। मामले को लेकर डीसीपी रिचा तोमर को शिकायत की गई है। इसके बाद रविवार शाम तक मुरलीपुरा थाना पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। मामले में स्थानीय नागरिकों के बयान भी दर्ज किए हैं। मौके पर पुलिसकर्मी भी तैनात किए हैं।
-इनका कहना है।
– जो आरोप है, उनकी अफसर जांच कर लेंगे
पार्षद किशन जी जो आरोप लगा रहे हैं, उनकी उच्च अधिकारी जांच करेंगे। वे ही बता सकते हैं। मैं इस बारे में कुछ नहीं बोलूंगा। हां, जमीनी विवाद में कुछ लोगों को शांति भंग में पकड़ा है।
देवेन्द्र जाखड़, थानाधिकारी मुरलीपुरा
– एसएचओ ने शिकात नहीं ली, अरेस्ट की धमकी दे दी।
मुरलीपुरा थाना पुलिस एकतरफ ा माहौल बना रही है। शनिवार को एनएचएआई को दिए ज्ञापन की कॉपी देने जब मैं स्थानीय लोगों के साथ मुरलीपुरा एसएचओ से मिलने गया तो उन्होंने ज्ञापन तो लिया ही नहीं उल्टे मुझे ही गिरफतार करने की धमकी दे डाली। जब एक जनप्रतिनिधी के साथ ही मुरलीपुरा थाना पुलिस इस तरह का व्यवहार कर रही है तो आम जनता के साथ क्या कर रही होगी। इसका अनुमान लगाया जा सकता है।
किशन अजमेरा, पार्षद वार्ड 9, जयपुर नगर निगम ग्रेटर
– बदमाशी की मण्डी बनी।
हमारा किसी से व्यक्तिगत विरोध नहीं है। हम चाहते हैं कि एनएचएआई अपने स्वामित्व की जमीन का कब्जा ले और इसे सुरक्षित करे। ताकि ट्रक-ट्रैक्टर चालकों की आड़ में यहां असामाजिक तत्व एकत्र नहीं हों और गलत गतिविधियां ना हो। अगर सरकार ट्रक मालिकों को दूसरा स्थान आवंटित करती है तो उनकी इस मांग का हम समर्थन करते हैं।
रामधन सैनी, अध्यक्ष बाईपास पार्क संघर्ष समिति
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अवैध ईंट मंडी लगने से यहां का माहौल खराब रहता है। शाम होने के बाद आवाजाही भी मुश्किल हो चली है। हमारा किसी ट्रक-ट्रैक्टर चालक से कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं है। लेकिन उनकी आड़ में यहां नशेडिय़ों, गंजेडिय़ों और अन्य असामाजिक तत्वों की आवाजाही भी होती है। इससे क्षेत्र में अशांति रहने लगी। महिलाएं, बच्चियां ज्यादा परेशान हैं।
दीपक शर्मा, महामंत्री बाईपास पार्क संघर्ष समिति।