नई दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि “पद्मावती” फिल्म को रिलीज किए जाने से पूर्व फिल्म के निर्माता को उससे जुडे़ विवाद को समाप्त करना चाहिए। बिहार विधानसभा स्थित अपने कक्ष में आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीतीश ने कहा कि “पद्मावती” फिल्म को रिलीज किए जाने से पूर्व फिल्म के निर्माता को उससे जुडे़ विवाद को समाप्त करने के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए।
गौरतलब है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात की भाजपा सरकार ने अपने राज्यों में फिल्म पर प्रतिबंध लगाए जाने अथवा फिल्म से “आपत्तिजनक सामग्री” हटाए जाने को कहा है। विभिन्न राजपूत समूह और राज नेताओं ने इस फिल्म के निर्माता संजय लीला भंसाली पर इतिहास को तोड़मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है और इसके मुख्य किरदारों दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर को उनके क्रोध का सामना करना पड़ रहा है।
बिहार के कला संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि से यह पूछे जाने कि पद्मावती फिल्म के प्रदर्शन को लेकर सरकार किस निर्णय पर पहुंची है, उन्होंने कहा कि किसी की संस्कृति और सभ्यता को ठेस पहुंचना अच्छी बात नहीं है, इसलिए वह चाहते हैं कि जो आपत्तियां जतायी गयी हैं जब तक उसमें सुधार नहीं किया जाता है और विवादित दृश्य को हटाया नहीं जाता तब तक उसपर बिहार में रोक रहे।
गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी से यह पूछे जाने पर कि क्या इस फिल्म पर बिहार में प्रतिबंध लगाए जाने के लिए कोई निर्देश जारी किए गए हैं, उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसी कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। वहीं, भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह अपने वाहन पर पद्मावती फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली तथा समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां को जूते-चप्पल पहनाए गए फोटो के साथ आज बिहार विधानसभा पहुंचे।
सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई अन्य विधायकों के हस्ताक्षरयुक्त पत्र लिखकर इस फिल्म के बिहार में रोक लगाए जाने की मांग है। उन्होंने कहा कि राजपूतों की भावना का अपमान उन्हें बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने कहा, “फिल्म के ट्रेलर में रानी पद्मावती को नृत्य करते दिखाया गया जो इतिहास से परे है।’’ सिंह ने कहा कि फिल्म का अगर कोई दूसरा नाम होता तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होती। फिल्म निर्माता एक काल्पनिक चरित्र का चित्रण कर सकते हैं, पर ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत तरीके से चित्रण किए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।