नई दिल्ली। बिहार विधानसभा में शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने अपना विश्वास मत हासिल कर ही लिया। विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच नीतीश को 131 वोट मिले तो विपक्ष को 108 मतों पर ही संतोष करना पड़ा। इस दौरान राजद ने सदन से वॉकआउट किया और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
इससे पहले सुबह 11 बजे विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हुआ। इस दौरान सदस्यों की हां और ना के बीच नई सरकार का भविष्य तय हो गया। यह पहली बार हुआ कि सरकार को पहली बार मजबूत विपक्ष का सामना करना पड़ा। नीतीश कुमार ने विधानसभा में विश्वासमत पेश किया तो तेजस्वी ने नीतीश पर करारार हमला बोला और गंभीर आरोप लगाए। हालांकि नीतीश ने कहा कि सदन की मर्यादा का पालन करना चाहिए। एक-एक बात का जवाब दिया जाएगा। सत्ता तो सेवा के लिए मेवे के लिए नहीं। मैंने महागठबंधन धर्म का पालन किया, जब मेरे लिए मुश्किल आई तो इस्तीफा दे दिया। इस बीच राजद की ओर से तेजस्वी यादव को विरोधी दल का नेता मनोनीत करने का प्रस्ताव सदन में पेश किया, जिसे स्वीकृति प्रदान कर दी गई।
-कांग्रेस पर कसा तंज, बोले-हमने 40 सीटें दिलवाई
नीतीश ने कांग्रेस को निशाने पर लिया और कहा कि आपको 25 सीट नहीं मिली थी हमने आपको 40 सीटें दिलाई। सत्ता का मतलब धन अर्जित करना नहीं है। जनता के लिए ही मैंने यह फैसला लिया है। वोट देने वाली जनता परेशानी थी और यह सरकार बिहार की जनता की है उसके लिए काम करेगी। आज जुम्मे का दिन है हंगामा नहीं चाहता, आप मुझे सांप्रदायिकता का पाठ नहीं पढ़ाए।
-तेजस्वी ने कहा नीतीश रणछोड़ हो गए
तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि जनता ने महागठबंधन को 5 साल के लिए चुना, लेकिन हमारे धोखा देकर महागठबंधन को तोड़ दिया। सीएम साहब ये कौन सा सिद्धांत है। आपको शर्म नहीं आती और आप सुशील मोदी के बगल में बैठने के लिए यह किया। इस्तीफा और तुरंत भाजपा का समर्थन यह पूरी प्लानिंग से किया गया। अब आप नैतिकता की बात करते हैं। ये कौन सी नैतिकता है आपकी? कौन सी विचारधारा है इसे अब पूरी दुनिया जानना चाहती है। नीतीश कुमार रणछोड़ हो गए हैं, है श्रीराम से जय श्रीराम कह पलटी मार गए। इनका असली चेहरा अब नजर आया है।