जयपुर। राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम लगभग तय माना जा रहा है। शेखावत को पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व का तो समर्थन मिला है, साथ ही राजस्थान इकाई के नेताओं और
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों ने भी उनके नाम पर सहमति जताई है। एक तरह से शेखावत पीएम नरेन्द्र मोदी और पार्टी की पसंद है।शेखावत को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का समर्थक भी नहीं माना जाता है और ना ही वे राजे गुट से है। वैसे भी वे वसुंधरा राजे गुट से नहीं है। जब से वे केन्द्रीय मंत्री बने हैं, तब से राजे और उनके बीच के रिश्ते भी सामान्य नहीं है। बताया जाता है कि जोधपुर के एक कार्यक्रम में दोनों नेताओं के बीच नोंकझोंक भी हो चुकी है। ऐसे में चर्चा है कि शेखावत की नियुक्ति से वसुंधरा राजे गुट को गहरा झटका लगा है।
विधानसभा चुनाव से पहले शेखावत के अध्यक्ष बनने से टिकट वितरण के समीकरण तो बदलेंगे, साथ ही संगठन पर राजे गुट का नियंत्रण भी काफी कम हो जाएगा। ऐसे में चुनाव से पहले सत्ता और संगठन में ना केवल बदलाव देखे जाएंगे, बल्कि बदलते समीकरणों से टकराव के हालात भी बन सकते हैं। हालांकि प्रदेश के हालात को देखते हुए लगता है कि सत्ता संगठन मिलकर चुनाव लड़ना चाहेंगे, तभी फिर से सत्ता में वापस आ सकेंगे।