लखनऊ। यूपी सीएम आदित्यनाथ कुर्सी संभालने के बाद पहली बार टीवी इंटरव्यू के जरिए जनता के सामने आए। इस दौरान उन्होंने अपने चिरपरिचत अंदाज में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुत्व को वे ऑफ लाइफ बताया है। यह कोई उपासना की पद्दति नहीं है। लोगों की जीवन को सुधारने के लिए अगर कोई यह उचित रास्ता है तो हमें इसे अपनाने में संकोच नहीं करना चाहिए। हिंदू राष्ट्र की अवधारणा गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केन्द्र में जो फैसले लेते है कदम उठाती है, वहीं मुझे राज्य में करना है। वे पीएम मोदी की प्रेरणा से ही विकास के एजेंडे को राज्य में आगे बढ़ा रहे हैं। राज्य की सत्ता योगी ही चला सकता है, मोदी जैसा योगी देश की सत्ता में आया और देश में विश्वास जगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि बूचडख़ानों के मामले में उनकी सरकार तो सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों का ही पालन कर रही है। उन्होंने एंटी रोमिया स्क्वायड के फैसले को जायज बताया और कहा कि आज माताएं बहनें खुद को सुरक्षित महसूस करती है। उन्होंने किसानों, सरकार की योजनाओं से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य पर विस्तार से चर्चा की। सीएम योगी ने राज्य के अधिकारियों को सख्त संदेश दिया कि प्रदेश में अगर भूख से किसी की मौत की का मामला सामने आया तो जिम्मेदारी जिलाधिकारी की होगी। अगर उपचार की कमी से बच्चों की मौत होती है तो सीएमओ जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि मैंने सभी अधिकारियों को 90 दिन का काम दे दिया है। अब 100 दिन बाद रिपोर्ट लूंगा। इधर सीएम योगी का इंटरव्यू सामने आने के साथ ही प्रमुख विपक्षी दलों ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया। मायावती ने अंसवैधानिक तो सीपीआई के डी राजा ने इसे खतरनाक बताया।
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