जयपुर। जयपुर डिस्कॉम के एमडी अनिल कुमार बोहरा और डायरेक्टर टेक्निकल सुनील मेहता के अचानक इस्तीफे दिए जाने का मामला तूल पकड़ लिया है। इस मामले में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी खासी नाराज है। इस पर सीएमओ कार्यालय ने गंभीरता दिखाते हुए ना केवल बोहरा व मेहता के इस्तीफे मामले में सीएमडी श्रीमत पाण्डे समेत अन्य आला अफसरों से रिपोर्ट तलब की है, बल्कि आला अफसरों को तलब करके दोनों के इस्तीफे दिए जाने के कारणों के बारे में पडताल की है। यह भी चर्चा है कि सीएमओ कार्यालय ने सीएमडी डिस्कॉम व सेक्रेटरी को ताकीद किया है कि वे इनके इस्तीफे मंजूर ना करें। यह भी सामने आया है कि सीएमओ कार्यालय के एक आला अफसर ने डिस्कॉम एमडी बोहरा से वार्ता की है, जिसमें उन्हें इस्तीफा वापस लेने और कार्यालय आकर मिलने को कहा है। यह भी आश्वासन दिया गया है कि जो अफसर व अभियंता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और काम में लापरवाही बरत रहे हैं, उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी। इस्तीफा देने के बाद बोहरा राजस्थान के बाहर चले गए। संभवतया: सोमवार को बोहरा सीएमओ कार्यालय जा सकते हैं और डिस्कॉम में आ रही कठिनाईयों और इस्तीफा दिए जाने कारणों के बारे में बता सकते हैं। सीएमओ में बोहरा की मुलाकात के बाद डिस्कॉम में व्याप्त भ्रष्टाचार और भ्रष्ट अभियंताओं पर गाज गिर सकती है। कुछेक का बदलाव हो सकता है। शायद ऊपरी लेवल के कुछ अफसर भी इधर-उधर हो सकते हैं। डिस्कॉम एमडी पद पर बोहरा की नियुक्ति के बाद काफी सुधार आया है। बिजली चोरी पर बहुत लगाम लगी है। भ्रष्टाचार पर अकुंश लगा है। गौरतलब है कि बोहरा पहले डिस्कॉम में ही एईएन थे, लेकिन वे इस्तीफा देकर निजी पावर सेक्टर की कंपनियों में सर्विस देने लगे थे। लम्बे समय तक प्राइवेट सेक्टर में रहने के बाद जुलाई में जयपुर डिस्कॉम में एमडी पद पर के आवेदन निकलने पर उन्होंने भी आवेदन किया था। साक्षात्कार के बाद इस पर बोहरा की नियुक्ति हुई। डिस्कॉम में बोहरा की छवि ईमानदार और तेज तर्रार अफसर की है। इसी के चलते डिस्कॉम के आला अफसर उनसे नाखुश बताए जाते हैं। वे गैर वाजिब को सिरे से खारिज कर देते थे, जिसके चलते ही उन पर अनावश्यक दबाव रहता था। इन्हीं परेशानियों के चलते बोहरा व मेहता ने अपने पदों से एक साथ इस्तीफा दे दिया था।

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