जयपुर। राज्य में भर्ती प्रक्रिया के सुदृढ़ीकरण एवं इसमें सुधार के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सोमवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर समिति के अध्यक्ष एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व चैयरमेन एमएल कुमावत ने यह रिपोर्ट सौंपी।
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने प्रदेश की विभिन्न राजकीय सेवाओं में भर्तियाें की प्रक्रिया को समय पर पूरा करने तथा राज्य लोक सेवा आयोग और राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा निर्धारित कैलेण्डर के अनुरूप भर्तियों को सम्पन्न कराने के उद्देश्य से यह उच्च स्तरीय समिति गठित करने के निर्देश दिए थे। साथ ही, भर्ती परीक्षाओं में नकल एवं पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के उपाय, विभिन्न सेवा नियमों की समीक्षा करने, समान पात्रता परीक्षा तथा भर्ती प्रक्रिया में न्यायिक विवादों को उत्पन्न होने से रोकने के संबंध में सुझाव देने सहित भर्ती प्रक्रिया में सुधार से संबंधित अन्य विषय भी समिति के कार्यक्षेत्र में निर्धारित किए गए।
कुमावत ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि 10 अप्रेल, 2021 को गठन के बाद से ही समिति ने आरपीएससी, राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड, विभिन्न विभागों सहित भारत सरकार और विभिन्न राज्यों के भर्ती बोर्डाें तथा अन्य एजेंसियों से निरंतर संवाद कर आवश्यक सूचनाएं संकलित कीं। गठन के बाद 13 अप्रेल, 2021 को समिति की पहली बैठक आयोजित की गई। इसके बाद से इस अवधि में समिति ने कुल 13 बैठकें तथा विभिन्न भर्ती एजेंसियों से समन्वय और विस्तृत विश्लेषण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है।
कुमावत ने बताया कि समिति को 1 माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी, लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर एवं लॉकडाउन की परिस्थितियों के मद्देनजर रिपोर्ट प्रस्तुत करने में 2 माह का अतिरिक्त समय लगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव कार्मिक हेमंत गेरा, समिति के सदस्य पूर्व आईएएस खेमराज, महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक महावीर प्रसाद, सचिव राजस्थान लोक सेवा आयोग शुभम चौधरी, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड में सलाहकार बद्री नारायण, संयुक्त शासन सचिव कार्मिक जयसिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।