नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को राष्ट्रमंडल खेल घोटाला मामले में आयोजन समिति के छह पूर्व सदस्यों और तीन अन्य के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने अपने आदेश में कहा है कि राष्ट्रमंडल खेलों की तत्कालीन आयोजन समिति के सदस्यों वी. के. वर्मा, सुरजीत लाल, के.यू.के. रेड्डी, एम. जयचंद्रन, राम मोहन और संगीता वेलिंकर के अलावा सुरेश कुमार और दो कंपनियों – प्रीमियर ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड (पीबीपीएल) और इसी की सहायक कंपनी कॉम्पैक्ट डिस्क इंडिया लिमिटेड के किलाफ औपचारिक आरोप तय किए जाएं। इन सभी पर खेल पोशाकों और अन्य वस्तुओं की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप है। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी करने और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के उल्लंघन करने के प्रथम दृष्टया सबूत सही पाए हैं। आरोपियों पर 16 अगस्त को औपचारिक तौर पर आरोप तय किए जाएंगे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रमंडल खेलों के लिए आॅनलाइन और रिटेल वस्तुओं के सौदे का मास्टर लाइसेंसी प्रदान करने में पीबीपीएल को अनुचित लाभ देने का आरोप लगाते हुए आरोप-पत्र दाखिल किया था। समिति ने कंपनी के लिए न्यूनतम 7.05 करोड़ रुपये की रॉयल्टी तय की थी। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पूर्व बोली को निराधार तरीके से खारिज करने के बाद मूल्यांकन समिति ने बेईमानी करते हुए पीबीपीएल को उसकी मातृ कंपनी की साख के आधार पर चुना और 5.2 करोड़ रुपये में वस्तुओं की आपूतिज् के लिए मास्टर लाइसेंस दे दिया।

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