जयपुर। गैंगस्टर आनन्दपाल के एनकाउंटर के बाद आनन्दपाल गिरोह के अधिकांश साथी पुलिस ने धर लिए। वे प्रदेश की अलग-अलग जेलों मे बंद है। आनन्दपाल के भाई मंजीत समेत तमाम बड़े बदमाश भी जेलों की सलाखों के पीछे है, लेकिन इसके बाद भी आनन्दपाल गिरोह का खौफ बरकरार है। वे जेल में रहकर ही गिरोह को संचालित कर रहे हैं। अब तो पंजाब का कुख्यात लॉरेंस विश्नोई गिरोह भी इनके साथ मिल गया बताते हैं।
कल आनन्दपाल के साथी जो अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है, उनके पास मोबाइल व सिम मिले है। जेल प्रशासन ने श्रीवल्लभ और जयपुर के हिस्टÓीशीटर दीपक गुर्जर की बैरक में से दो मोबाइल व दो ही सिम बरामद की है, जो इन दोनों के उपयोग में लेने की बात सामने आ रही है। पुलिस मोबाइन नंबरों के आधार पर पडताल में लगी है कि ये दोनों किनके संपर्क में थे। कहीं जेल में रहते हुए इन्होंने कोई बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दिया है।
पहले भी इस जेल से कई बदमाशों के पास मोबाइल व सिम मिल चुके हैं। आनन्दपाल गिरोह के बदमाशों से मोबाइल मिलने से अंदेशा है कि इस गिरोह के बदमाश जेल में रहकर अभी भी अवांछित गतिविधियों में लिप्त है। जेल से बाहर गिरोह के सदस्यों के साथ फिरौती, लूटपात समेत अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं, साथ ही गिरोह सदस्यों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों के पीडितो व गवाहों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
पुलिस मोबाइल कनेक्शनों के आधार पर सभी पहलुओं पर पडताल कर रही है, साथ ही आनन्दपाल गिरोह के सदस्यों की बैरकों में सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए हैं।