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कंडोम विज्ञापन प्रसारण के खिलाफ याचिका खारिज
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने टीवी पर कंडोम के विज्ञापनों को दिखाने का समय रात दस बजे से सुबह छह बजे तक करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश जीके व्यास और न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी की खंडपीठ ने यह आदेश ग्लोबल अलायंस फॉर हïयूमन राइट्स की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिए। अदालत ने माना की कंडोम विज्ञापन प्रसारण की एडवाइजरी में कंडोम के केवल अश्लील विज्ञापन का दिन में प्रसारण करने पर रोक लगाई गई है।
जनहित याचिका में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के गत 11 दिसंबर की उस एडवाईजरी को चुनौती दी गई है, जिसके तहत टीवी चैनल्स पर सुबह छह बजे से रात दस बजे तक कंडोम के विज्ञापनों को दिखाने पर पाबंदी लगाई गई है। जनहित याचिका में अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने अदालत को बताया कि एक तरफ सरकार की ओर से परिवार नियोजन के साधनों को बढ़ावा देने और एड्स जैसे रोगों से बचने के लिए कंडोम का उपयोग करने पर जोर दे रही है। वहीं दूसरी तरफ दिन में इसके विज्ञापनों पर पाबंदी लगाई जा रही है। इसके अलावा केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 में पहले से ही बच्चों को अश्लीलता दिखाने पर कार्रवाई का प्रावधान है। याचिका में कहा गया कि विज्ञापन अश्लील है या नहीं? इसकी प्रकृति उसके दिखाए जाने के समय से नहीं बदलती है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार अवांछित गर्भ धारण व एड्स से बचने के लिए कंडोम के उपयोग पर अभी भी जागरुकता की कमी है। ऐसे में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की इस एडवाईजरी पर रोक लगाई जाए।
वहीं केन्द्र सरकार की ओर से कहा गया कि एडवाइजरी के संबंध में स्पष्टकरण जारी का स्पष्ट किया जा चुका है कि दिन में सिर्फ अश्लील विज्ञापन पर ही रोक लगाने का प्रावधान किया है। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने याचिका को निस्तारित कर दिया है।