जयपुर। राजस्थान के रहने वाले देश के सबसे विवादित तांत्रिक व धर्मगुरु चन्द्रास्वामी का आज मंगलवार को देहांत हो गया। वे लम्बे समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनकी मौत की सूचना मिलने पर उनके भक्त व समर्थकों का जमावड़ा अस्पताल और घर पर होने लगा है। चिकित्सकों ने उनकी मौत का कारण मल्टी ऑर्गन के फेलियर होना बताया है।
– पीएम राव के थे गुरु और राजनीति में था काफी दखल
चन्द्रा स्वामी का देश के सभी राजनीतिक दलों के राजनेताओं से अच्छे संबंध थे। उनका राजनीति में बड़ा दखल भी रहता था। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के तो वे गुरु बताए जाते थे। उनके कार्यकाल के दौरान चन्द्रास्वामी को देश का सबसे मजबूत आदमी माना जाता था। उनके सभी व्यापारिक घरानों और बिजनेसमैन से अच्छे संबंध थे। राजनीति में उनकी इतनी दखल थी कि वे सरकार बनाने और गिराने को लेकर भी चर्चाओं में रहते थे। राजनेताओं की मजबूत लॉबी का सपोर्ट था उनके पास। भारत ही नहीं ब्रिटेन की पीएम रही मार्गे्रट थैचर, बु्रनेई के सुल्तान, हॉलीवुड व बॉलीवुड कलाकार भी उनके खासे मुरीद थे। उनका विवादों से भी खासा नाता रहा। ब्रिटेन में एक लाख डॉलर की धोखाधड़ी में उनका नाम सामने आया था। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकाण्ड में भी चन्द्रा स्वामी का नाम उछला था, लेकिन प्रत्यक्ष सबूत कभी नहीं आए। वे इन सभी आरोपों को नकारते रहे। उनकी राजस्थान के कद्दावर नेता रहे राजेश पायलट के साथ कभी नहीं बनी। पायलट चन्द्रास्वामी को पसंद नहीं करते थे।
-पीएम राव की सरकार के बाद गुमनामी में
देश के बहुचर्चित हवाला काण्ड में चन्द्रा स्वामी का भी नाम सामने आया था और सीबीआई ने उनके खिलाफ चार्जशीट पेश की थी। नरसिंहा राव के पीएम पद से हटने के बाद चन्द्रास्वामी के दिन गर्दिश में आने लगे और वे एकदम से गुमनामी के दौर में चले गए। कुछ सालों से वे किसी भी तरह के सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक कार्यक्रमों में भी नहीं दिख रहे थे। अचानक 66 साल की उम्र में मौत से सभी अचम्भित हैं कि कभी देश की राजनीति में पूरा दखल रखने वाला शख्स एकदम से गुमनामी में चला गया और अब दुनिया से भी।