नई दिल्ली. अगले महीने होने वाले कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से पहले पार्टी लीडरशिप ने चुनाव प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि चुनाव के लिए नामांकन भरने वाले सभी पार्टी नेताओं को इलेक्टोरल कॉलेज में शामिल सभी 9 हजार डेलीगेट्स की लिस्ट देखने को मिलेगी। यह लिस्ट पार्टी की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी के पास 20 सितंबर से उपलब्ध होगी। शशि थरूर, कार्ति चिदंबरम, मनीष तिवारी समेत कांग्रेस के पांच सांसदों ने पार्टी की केंद्रीय इलेक्शन अथॉरिटी के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री को पत्र लिखकर चुनावी प्रक्रिया में ट्रांसपेरेंसी की मांग की थी। इसके बाद कांग्रेस लीडरशिप ने यह फैसला लिया। दरअसल, हाल के कुछ दिनों में कांग्रेस से लगातार बड़े नेताओं ने इस्तीफे दिए हैं, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बाकी नेताओं की नाराजगी दूर करने के लिए पार्टी हाईकमान ने यह कदम उठाया है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव 17 अक्टूबर को होने हैं। इसके लिए 24 से 30 सितंबर के बीच नामांकन दाखिल किए जाएंगे। पांचों नेताओं के नाम पत्र में मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि जो नेता इस चुनाव में भाग लेना चाहते हैं वे अपने राज्य के कांग्रेस ऑफिस में राज्य के 10 डेलीगेट्स की लिस्ट देख पाएंगे। जैसे ही नामांकन दाखिल हो जाएंगे और चीफ रिटर्निंग ऑफिसर को सौंप दिए जाएंगे, तो नेताओं को डेलीगेट्स की पूरी सूची मिल जाएगी। मधुसूदन निस्त्री ने कहा कि अगर कोई नेता अलग-अलग राज्यों से 10 समर्थकों का नॉमिनेशन पाना चाहता है तो कांग्रेस के दिल्ली दफ्तर में मेरे ऑफिस में 20 सितंबर के बाद सभी 9000 डेलीगेट्स की लिस्ट मिल जाएगी। नॉमिनेशन भरने के इच्छुक नेता इस लिस्ट में से अपने 10 समर्थक चुनकर उनसे साइन कराकर उनका समर्थन ले सकते हैं। इसके बाद 24 सितंबर तक आप नॉमिनेशन दाखिल कर सकते हैं। इससे पहले भी कांग्रेस के सीनियर लीडर और जी-23 के असंतुष्ट नेताओं के मेंबर मनीष तिवारी ने कांग्रेस संगठन चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि वोटिंग लिस्ट के बिना कांग्रेस अध्यक्ष पद के निष्पक्ष चुनाव कैसे होंगे? उन्होंने मांग की कि निष्पक्ष चुनाव के लिए पार्टी के वोटर का नाम-पता पब्लिश किया जाना चाहिए। तिवारी ने मिस्त्री से कहा था कि वोटिंग को कांग्रेस की वेबसाइट पर पारदर्शी तरीके से पब्लिश किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि निष्पक्ष चुनाव की पहली शर्त है कि वोटरों के नाम पते सामने लाए जाएं। पार्टी नेता शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम भी इस मसले पर अपनी बात चुके हैं।

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