नयी दिल्ली : कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ आरक्षण के मुद्दे पर तय किये गये फार्मूले पर आज अपने पत्ते नहीं खोले तथा कहा कि इस बारे में जो भी फैसला होगा, वह ‘‘संविधान के दायरे’’ में होगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी को अपना समर्थन देने की घोषणा करने के लिए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी संयुक्त लड़ाई से भाजपा सत्ता से बाहर हो जाएगी। कांग्रेस द्वारा पाटीदार नेताओं की आरक्षण की मांग मान लेने के बाद हार्दिक ने इस समर्थन की घोषणा की थी।
बहरहाल, सिब्बल ने इस बारे में चुप्पी साधे रखी कि कांग्रेस तथा हार्दिक नीत पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के बीच आरक्षण को लेकर कौन से फार्मूले पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि संबंधित नियमों को बाद में तय किया जाएगा। सिब्बल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने राज्य में अपने 22 साल के शासन के दौरान समुदाय के लिए कुछ नहीं किया और उनके भरोसे को तोड़ दिया।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें खुशी है कि साझा मोर्चा अब भाजपा के खिलाफ लड़ेगा…हम उनका आभार व्यक्त करते हैं क्योंकि वे (पास) हमारे साथ एक विचारधारा के साथ शामिल हुए कि मिलकर चुनाव लड़ा जाए…हमारा लक्ष्य चुनाव जीतना और लोगों से किये गये वादों को पूरा करना है।’’ इस बीच, आज वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अभी तक जो बयान मैंने देखे हैं, कांग्रेस-हार्दिक क्लब एकदूसरे को छलावा दे रहे हैं। कानून बहुत स्पष्ट है जिसे उच्चतम न्यायालय ने तय किया है। पिछले सप्ताह ही राजस्थान मामले में इस बात की फिर से पुष्टि हुई है कि 50 प्रतिशत की सीमा को नहीं बढ़ाया जा सकता।….लिहाजा उन्हें एक दूसरे को तथा यह कहकर जनता को छलावा देने दीजिए कि वह इस अंतर को भरने के लिए तौर-तरीका तैयार करेंगे।’’ इस बयान के बारे में प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने आज यहां संवददाताओं से कहा, ‘‘हम आज सत्ता से बाहर है। माननीय वित्त मंत्री के बयान का हास्यास्पद पक्ष यह है कि जहां उनकी स्वयं की पार्टी सत्ता में है, मिसाल के तौर पर राजस्थान, वहां हर किस्म से सीमा से अधिक जाने का प्रयास हो रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वहां (भाजपा शासित प्रदेशों में) 50 प्रतिशत :सीमा: को त्यागा जा सकता है , 51 प्रतिशत को त्यागा जा सकता है, 55 प्रतिशत को त्यागा जा सकता है। प्रत्येक तरह के आरक्षण का वादा किया गया। लिहाजा हमें दोमुंही बात नहीं करनी करनी चाहिए। हमें पाखंड नहीं करना चाहिए। छलावा तो तब होगा जब हम सत्ता में आये और हमने कुछ गलत किया हो। ’’ सिंघवी ने कहा, ‘‘किंतु जैसा कि हमने बार बार कहा है, हम भाजपा की तरह नहीं हैं और कानून का पालन करते हैं। हम संविधान के दायरे में रहकर कदम उठायेंगे।’’ उन्होंने कहा ‘‘यदि आप यह देखना चाहते हैं कि किसने किसको बेवकूफ बनाया तो आप जाइये और राजस्थान में देखिए। भाजपा वहां सत्तारूढ़ दल है। वह प्रतिदिन लोगों को बेवकूफ बना रही है। कभी वे जाट आरक्षण, कभी गुर्जर आरक्षण की बात करते हैं। वे सत्ता में हैं और वादे पूरा कर सकते किन्तु फिर भी उन्होंने नहीं किये।’’ सिंघवी ने कहा, ‘‘हम सत्ता में नहीं। जब हम वहां (गुजरात) में सत्ता में आयेंगे तो संविधान के दायरे में पूरी तरह रहते हुए इसे लागू करेंगे। हमारे पास इसकी क्षमता है।’’