जयपुर। राजस्थान प्रदेष कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और जयपुर जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास के नेतृत्व में आज कांग्रेस के सैकडों कांग्रेस कार्यकर्ताओं और द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट के दोनों तरफ रह रही काॅलोनियों के नागरिकों ने काॅलोनि में आवागमन की सुविधा के लिये रिवर प्रोजेक्ट में सभी जगह पुलिया बनाने व पीने के पानी, सड़क व गंदे पानी की निकासी सहित सभी तरह के जन अधिकारों की मांग को लेकर चेतावनी मार्च शुरू किया। चेतावनी मार्च के दौरान षास्त्री नगर के सुन्दर नगर में आज सुबह 10 बजे सुन्दर नगर के हजारों नागरिक कांगे्रेस के झण्डे लेकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। नागरिक सभी जगह पुलिया बनाने, टूटी पानी की लाईने ठीक करके पीने के पानी की व्यवस्था करने, सड़के बनाने, गंदे पानी की निकासी करने, तानाषाही नहीं चलेगी, पुलिया का निर्माण करो, भाजपा सरकार मुर्दाबाद-जैसे नारे लगा रहे थे।
खाचरियावास ने चेतावनी मार्च षुरू करने से पहले सुन्दर नगर में नागरिकों की सभा को सम्बोधित करते हुये कहा कि पिछले दो वर्ष से ज्यादा समय से द्रव्यवती रिवर प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। इन दो वर्षों में लगातार कांग्रेस पार्टी रिवर प्रोजेक्ट के दोनों तरफ बसी काॅलोनियों को पुलिया बनाकर रास्ते देने की मांग कर रही है। रिवर प्रोजेक्ट का काम खत्म करने की समय सीमा 15 अगस्त रखी गई है। जब रिवर प्रोजेक्ट षुरू हुआ, उसी वक्त पुलियाओं का निर्माण षुरू हो जाता तो सरकार की नीयत पर षक नहीं होता, लेकिन पिछले एक वर्ष से रास्ते और पुलियाओं की मांग को लेकर हम आंदोलन कर रहे हैं। अब जब काम को दो वर्ष पूरे हो गये, तब मंत्री अरूण चतुर्वेदी हमारे आंदोलन के दबाव में आकर कल 30 अप्रेल 2018 को संवाददाता सम्मेलन में चेतावनी मार्च षुरू होने के मात्र एक दिन पहले सात दिन पुरानी वित्तीय स्वीकृति आनन-फानन में निकलवाकर कहते हैं कि 23 मार्च 2018 को सभी जगह पुलिया बनाने के लिये वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है।
मंत्री अरूण चतुर्वेदी एवं राज्य सरकार द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट में निम्न बातें जनता के सामने स्पष्ट करें – मंत्री चतुर्वेदी बतायें कि वित्तीय स्वीकृति पुलिया बनाने के लिये दो वर्ष बाद क्यों निकाली गई? द्रव्यवती नदी का काम दो वर्ष से ज्यादा समय से चल रहा है, षुरू में ही प्रोजेक्ट के साथ पुलिया का टेण्डर कर दिया जाता तो अब तक सभी जगह पुलियाओं का निर्माण हो चुका होता? मंत्री और सरकार की नीयत षुरू से खराब है इसलिये कांग्रेस के काम रोक देने की घोषणा के बाद मात्र 7 दिन पुरानी वित्तीय स्वीकृति दिखाकर सरकार ने अपनी गलती स्वीकार कर ली, कि रिवर प्रोजेक्ट षुरू करते समय काॅलोनियों को जोड़ने की कोई प्लानिंग ही सरकार ने नहीं की थी, इसलिये आज तक द्रव्यवती रिवर प्रोजेक्ट में काॅलोनियों को जोड़ने वाले रास्तों के टेण्डर भी नहीं हुये, किसी भी तरह का कोई काम भी नहीं किया गया, अब हमारे आंदोलन के दबाव में मंत्री चतुर्वेदी ने यह मान लिया कि सरकार ने मात्र एक ही दिन में 7 दिन पुरानी वित्तीय स्वीकृति जारी करके दो वर्ष बाद कांग्रेस के द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट को रोकने की धमकी के बाद काॅलोनियों को रास्ता देने का निर्णय लिया है। खाचरियावास ने कहा कि मंत्री चतुर्वेदी, जेडीए के अधिकारी व सरकार के सभी बडे नेता टाटा कसंलटेंसी को फायदा पहुंचाने के लिये नागरिकों के जन अधिकारों को समाप्त कर रहे हैं।