नई दिल्ली। महिलाओं के प्रति सहानुभूति जताने के दौरान अक्सर नेता ऐसा कोई न कोई बयान दे बैठते हैं। जो विवाद का केन्द्र बन जाता है। इसी कड़ी में केरल कांग्रेस के अंतरित अध्यक्ष बने मुस्लिम नेता एमएम हसन का नाम भी जुड़ गया। जिन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को नसीहत दे डाली कि मासिक धर्म के दौरान वे मंदिरों में प्रवेश करने से बचे। हसन ने कहा कि मासिक धर्म पवित्र नहीं है। महिलाओं को उन दिनों में पूजा स्थलों या इबादत स्थलों पर जाने से बचना चाहिए। इसके पीछे उदाहरण देते हुए कहा कि महावरी के दिनों में मुस्लिम महिलाएं भी रोजा नहीं रखती। ऐसे में जब आपका शरीर अपवित्र हो तो ऐसी दशा में मंदिर, मस्जिद या चर्च में नहीं जाना चाहिए। इसके पीछे वैज्ञानिक वजह भी है। हसन का यह बयान सामने आने के साथ ही कई छात्रों ने उनका विरोध शुरू कर दिया तो सोशल मीडिया पर आलोचना का दौर चल पड़ा। इसके उपरांत भी हसन अपने बयान पर अडिग ही रहे।

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