नयी दिल्ली। कांग्रेस ने देश के विभिन्न हिस्सों में पत्रकारों पर बढ़ते हमलों पर आज गहरी चिंता जताते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा की तुरंत रिहाई और इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की कांग्रेस के मीडिया पैनल में शामिल पवन खेड़ा ने आज संवाददाताओं से कहा, ‘‘ कल तड़के साढ़े तीन बजे छत्तीसगढ़ पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया। वह न केवल एडीटर्स गिल्ट आफ इंडिया के सदस्य थे बल्कि इस संस्था की उस तथ्यान्वेषी समिति के भी सदस्य थे जो पत्रकारों की सुरक्षा के बारे में पता लगाने के लिए छत्तीसगढ़ गयी थी।’’ उन्होंने पत्रकार वर्मा की तुरंत रिहाई और पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। उन्होंने इस मामले में छत्तीसगढ़ के संबंधित मंत्री राजेश मूणत के इस्तीफे की भी मांग की।
खेड़ा ने कहा कि यदि किसी पत्रकार की खोजपरक खबर छत्तीसगढ़ सरकार को पसंद नहीं आती तो उसे राष्ट्रविरोधी करार दे दिया जाता है और उस पर तमाम तरह से हमले होते हैं। वर्मा जिस तथ्यावेषी समिति के सदस्य थे, उसकी रिपोर्ट भी छत्तीसगढ़ सरकार को कटघरे में खड़ा करती है। उन्होंने कहा, ‘‘ केन्द्र एवं राज्यों की भाजपा सरकार का यह चरित्र है कि जब भी कोई पत्रकार प्रश्न करे तो उसे केन्द्रीय मंत्री वी के सिंह के शब्दों में ‘‘प्रेसटीट्यूट’’ कह दिया जाता है। अथवा प्रधानमंत्री के शब्दों में ‘‘बाजारू मीडिया’’ कह दिया जाता है। क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नये भारत की यह नयी परिकल्पना है?’’ खेड़ा ने कहा कि इससे पहले भी छत्तीसगढ़ में कई पत्रकारों पर हमले हो चुके हैं। इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। बीबीसी और अमर उजाला में वरिष्ठ पदों पर रह चुके पत्रकार विनोद वर्मा को कथित उगाही के आरोप में छत्तीसगढ़ पुलिस ने कल तड़के उनके गाजियाबाद स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि कम से कम 500 पोर्न सीडी, दो लाख रुपए नकद, लैपटॉप और एक डायरी पत्रकार के घर से बरामद की गई है।