नयी दिल्ली. कांग्रेस के कल से शुरू होने जा रहे महाधिवेशन में पार्टी की अगले पांच साल की दशा-दिशा तय होगी तथा इस दौरान आर्थिक एवं विदेशी मामलों सहित चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किये जायेंगे। पार्टी के कल से शुरू होने जा रहे 84वें महाधिवेशन से पहले आज इसकी विषय समिति की बैठक हुई। बैठक पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में हुई। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ नेता ए के एंटनी, जनार्दन द्विवेदी तथा पार्टी के प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष सहित विभिन्न नेताओं ने भाग लिया।
बैठक में महाधिवेशन के दौरान पारित किये जाने वाले चार प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया गया। इनमें राजनीतिक, आर्थिक, विदेशी मामलों तथा कृषि, बेरोजगारी एवं गरीबी उन्मूलन के विषय प्रस्ताव शामिल होंगे। पार्टी प्रत्येक क्षेत्र के बारे में अपना दृष्टिकोण रखेगी और वर्तमान परिदृश्य से उसकी तुलना की जाएगी।
पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि इन चारों प्रस्तावों को चिंतन बैठक में अंतिम रूप दिया गया। उन्होंने कहा कि महाधिवेशन में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के विचार जानने के बाद उनके अनुरूप इनमें संशोधन करने के बाद ही इन्हें पारित किया जाएगा।
पिछले वर्ष राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद उनके नेतृत्व में कांग्रेस का यह पहला महाधिवेशन है। सुरजेवाला ने बताया कि इस महाधिवेशन के माध्यम से पार्टी के अगले पांच वर्ष की दशा-दिशा तय होगी।उन्होंने कहा कि अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी के कल से शुरू होने जा रहे महाधिवेशन में कांग्रेस का दृष्टिकोण रखेंगे। महाधिवेशन में इस बार नेताओं के बजाय कार्यकर्ताओं पर ध्यान केन्द्रित रहेगा। महाधिवेशन सत्र की शुरूआत 17 मार्च की सुबह पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के उद्घाटन भाषण से होगी। दो दिन के गहन विचार विमर्श सत्र में राजनीतिक स्थिति सहित दो प्रस्तावों को पहले दिन लिया जाएगा। अंतिम दिन दो प्रस्तावों पर विचार होगा जिनमें बेरोजगारी से संबंधित प्रस्ताव होगा।
महाधिवेशन का समापन भी कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण से होगा जिसमें वह आगामी चुनावों के लिए पार्टी की योजनाओं की दिशा तय करेंगे। सूत्रों ने कहा कि राजनीतिक प्रस्ताव में समान विचारों वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने के बारे में पार्टी की योजना का संकेत मिलेगा। कांग्रेस भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्षी दलो का एक बड़ा मोर्चा बनाने का प्रयास करना चाहती है। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रात्रि भोज में 20 विपक्षी दलों के नेताओं को बुलाकर इस दिशा में पहल की है। सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ इस बार अन्य सत्रों की तुलना में महाधिवेशन अलग होगा क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष नेताओं की तुलना में कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देना चाहते हैं।’’ कांग्रेस प्रमुख की बजाय ध्यान कार्यकर्ताओं पर केन्द्रित होगा जिन्हें पार्टी की भावी रणनीति के बारे में बोलने का मौका दिया जाएगा। महाधिवेशन को संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी भी संबोधित करेंगी।