नई दिल्ली : मध्यप्रदेश की सत्ता से डेढ़ दशक लंबा वनवास खत्म करने के लिये कांग्रेस इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले “घर वापसी” अभियान शुरू करने की तैयारी में जुटी है। कांग्रेस से नाता तोड़ कर भाजपा या अन्य दलों का दामन थामने वाले नेताओं को इस अभियान के तहत दोबारा कांग्रेस में शामिल किया जायेगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने यहां एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं को दोबारा पार्टी में लाने के बारे में खाका तैयार किया जायेगा।
उन्होंने कहा, “हम अपने पूर्व नेताओं की घर वापसी करायेंगे। लेकिन मैं अभी इस बारे विस्तार से नहीं बता सकता, क्योंकि फिलहाल हमने इस अभियान की नीति तय नहीं की है। घरवापसी अभियान के बारे में कांग्रेस की कोर कमेटी से चर्चा कर फैसला किया जायेगा और सही समय पर इसकी घोषणा की जायेगी।” बाबरिया ने कहा, “अभी मैं बस एक बात कह सकता हूं कि कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं को बगैर किसी शर्त के पार्टी में दोबारा शामिल किया जायेगा।” दिसंबर 2003 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने पाला बदलकर सत्तारूढ़ दल का दामन थामा है। इनमें चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी, डॉ. भागीरथ प्रसाद, राव उदयप्रताप सिंह के नाम प्रमुख हैं जिन्होंने नाजुक सियासी मौकों पर अचानक भाजपा में शामिल होकर कांग्रेस को करारा झटका दिया।
नई दिल्ली : मध्यप्रदेश की सत्ता से डेढ़ दशक लंबा वनवास खत्म करने के लिये कांग्रेस इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले “घर वापसी” अभियान शुरू करने की तैयारी में जुटी है। कांग्रेस से नाता तोड़ कर भाजपा या अन्य दलों का दामन थामने वाले नेताओं को इस अभियान के तहत दोबारा कांग्रेस में शामिल किया जायेगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने यहां एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं को दोबारा पार्टी में लाने के बारे में खाका तैयार किया जायेगा।
उन्होंने कहा, “हम अपने पूर्व नेताओं की घर वापसी करायेंगे। लेकिन मैं अभी इस बारे विस्तार से नहीं बता सकता, क्योंकि फिलहाल हमने इस अभियान की नीति तय नहीं की है। घरवापसी अभियान के बारे में कांग्रेस की कोर कमेटी से चर्चा कर फैसला किया जायेगा और सही समय पर इसकी घोषणा की जायेगी।” बाबरिया ने कहा, “अभी मैं बस एक बात कह सकता हूं कि कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं को बगैर किसी शर्त के पार्टी में दोबारा शामिल किया जायेगा।” दिसंबर 2003 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने पाला बदलकर सत्तारूढ़ दल का दामन थामा है। इनमें चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी, डॉ. भागीरथ प्रसाद, राव उदयप्रताप सिंह के नाम प्रमुख हैं जिन्होंने नाजुक सियासी मौकों पर अचानक भाजपा में शामिल होकर कांग्रेस को करारा झटका दिया।