amer mla naveen pilaaniya
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जयपुर। आमेर से राजपा के विधायक और प्रदेशाध्यक्ष नवीन पिलानिया ने पाला बदल लिया है। नामांकन प्रक्रिया शुरु होने के दूसरे दिन मंगलवार को आमेर विधायक नवीन पिलानिया हाथी पर सवार हो गए हैं। आज इन्होंने बसपा की सदस्यता ले ली है। राजपा प्रदेशाध्यक्ष किरोडी लाल मीणा के भाजपा में जाने के बाद से इस पार्टी का जमीनी आधार खत्म हो गया था। मीणा के बाद नवीन पिलानिया इस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष हो तो गए, लेकिन वे समझ गए कि पार्टी का भविष्य सही नहीं है। किरोडी लाल मीणा के साथ होने से उन्हें पिछले विधानसभा चुनाव में मीणा समाज के एकमुश्त वोट मिले थे, लेकिन मीणा के भाजपा में जाने से यह वोट बैंक नवीन पिलानिया के हाथ से खिसक गया।

मीणा समाज भी किरोडी लाल मीणा की पैंतरेबाजी से हैरान परेशान है और यह समाज फिर से अपने पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस के साथ होता दिख रहा है। ऐसे में नवीन पिलानिया को जाट समाज के साथ एक अन्य मजबूती जाति का सहयोग जरुरी हो गया है चुनाव जीतने के लिए। आमेर का जाट समाज नवीन पिलानिया के साथ आज भी खड़ा दिखाई दे रहा है। सतीश पूनिया बाहरी होने के कारण वे जाट समाज में नवीन पिलानिया की तरह घुल मिल नहीं पाए हैं। हालांकि पांच साल के दौरान क्षेत्र में सक्रिय रहकर सतीश पूनिया ने जाट समाज के बीच पैठ जमाने का भरसक प्रयास किया है। हालांकि वे कितना सफल हो पाए है, वे तो विधानसभा चुनाव के नतीजे ही बता पाएंगे। वैसे नवीन पिलानिया ने बसपा का दामन पकड़कर भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को चित करने का प्रयास तेज कर दिया है। उन्हें एक ओर मजबूत जाति का सहयोग चाहिए। अगर वह मिल गया तो पिछली बार की तरह इस बार भी अपनी चुनावी नैया उस जाति के भरोसे पार लगा सकते हैं।

आमेर में एससी वर्ग के करीब चालीस हजार से अधिक वोट है। बसपा की पकड़ वैसे आमेर में कमजोर है, लेकिन नवीन पिलानिया के आने से एससी वर्ग उनसे जुड़ सकता है। ऐसा उनके समर्थकों का मानना है। कांग्रेस ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। यहां गंगा सहाय शर्मा, प्रशांत शर्मा, महेश शर्मा दौलतपुरा और लालचंद कटारिया के बीच टिकट को लेकर जबरदस्त खींचतान चल रही है। तीनों ही दावेदार तीन वरिष्ठ नेताओं के दम पर टिकट लेने की जुगत में है। देखना है कि किसका भाग्य चमकता है और टिकट मिलता है, लेकिन नवीन पिलानिया के नए पैंतरे ने संकेत दे दिए है कि वे आसानी से सीट नहीं जाने देंगे। सतीश पूनिया को टिकट देने से नाराज भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं का साथ भी नवीन पिलानिया को मिल सकता है। नवीन व भाजपा से नाराज कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की नजर कांग्रेस के टिकट पर है। अगर वहां से गंगासहाय शर्मा या बागड़ा ब्राह्मण समाज से टिकट मांग रहे महेश शर्र्मा दौलतपुरा को टिकट नहीं मिला तो बागड़ा समाज का वोट भी बड़ा खेल कर सकता है और कांग्रेस में भी बगावत के आसार है। आमेर में ब्राह्मण समाज सबसे बड़ा वोट बैंक है। करीब पचास हजार वोटर्स है ब्राह्मण समाज के, जिसमें पच्चीस हजार बागड़ा ब्राह्मण समाज के है। इस सीट पर पूर्व विधायक गंगासहाय शर्मा के अलावा महेश शर्मा, प्रशांत शर्मा, लाल चंद कटारिया के बीच दांवपेच चल रहे हैं। कांग्रेस टिकट की घोषणा के बाद आमेर की तस्वीर साफ हो सकेगी और समीकरण भी बदलेंगे, जो भाजपा, नवीन पिलानिया और कांग्रेस की हार-जीत में बेहद असरकारक रहेंगे।

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