नई दिल्ली। कश्मीर में हिंसा फैलाने के तरीकों को लेकर इन दिनों आतंकी संगठन लश्कर के आका हाफिज सईद व कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी के बीच मतभेद उभरने लगी है। यही वजह है कि जहां लश्कर भारत में बड़े हमले की योजना बना रहा है। वहीं लखवी ने अपने गुर्गों को पीओके में तैनात रहने के निर्देश दे दिए हैं। उसने अपने वफादारों को पीओके में शिफ्ट भी कर दिया है। इसी पीछे मुख्य वजह है कि लश्कर नहीं चाहता कि कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में उसका नाम जोड़ा जाए। लश्कर ने अपने आतंकियों को स्पष्ट कहा कि भारत में होने वाले हमले लश्कर के बजाय कश्मीर छोड़ों आंदोलन के नाम से किए जाए। इसके पीछे मकसद यह संदेश देने की है कि ये हमले सीमापार से न होकर भारत के भीतर से हो रहे हैं। गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते हाफिज को पहले ही पाक सरकार ने नजरबंद कर रखा है। रिपोर्ट में सामने आया कि घाटी में हिंसा फैलाने के लिए लश्कर कश्मीर के कुछ अलगाववादी नेताओं की हत्या भी कर सकता है। जिसको लेकर सुरक्षा एजेंसियां सर्तक हो गई है। इसी को लेकर तहरीक-ए-मुजाहिदीन ने खुद को फिर से संगठित किया है। इसमें अहम भूमिका मौलाना शौकत मर्डर के मामले में जमानत पर चल रहे आरोपी बिलपापा नाम आतंकी की बताई जा रही है।

-जनप्रहरी एक्सप्रेस की ताजातरीन खबरों से जुड़े रहने के लिए यहां लाइक करें।

LEAVE A REPLY