जयपुर। देश और प्रदेश में फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। साथ ही ओमीक्रॉन केस भी। राजस्थान में अब तक जयपुर, उदयपुर, अजमेर में ही ओमीकॉन के केस सामने आए। आज इसने जोधपुर, अलवर, भीलवाड़ा में दस्तक दे दी। प्रदेश में 69 मामले सामने आ चुके हैं इस नए वायरस के। हालांकि रोगी ठीक भी हो रहे हैं। उधर, कोरोना ने भी अपना असर दिखाना शुरु कर दिया है। जयपुर में ही 90 मरीज कोरोना के मिले हैं, जिनमें से तेरह केस घाटगेट सेन्ट्रल जेल में सामने आए है। कल जयपुर में 75 केस आए थे। शिक्षण संस्थान खुलने से बच्चे व युवा भी इस रोग की चपेट में आ रहे हैं। देश में भी करीब आठ सौ केस ओमीकॉन के आ चुके हैं। राजस्थान में कोरोना और ओमीक्रॉन के मामले तेजी से बढऩे लगे हैं। यह कोरोना गाइड लाइन की पालना नहीं करने, मास्क से दूरी की वजह से हो रहा है। वहीं शादी समारोह में लोगों की संख्या में छूट देने, पर्यटकों के आगमन से भी यह महामारी बढऩे लगी है। बाजार, पर्यटक स्थलों, सार्वजनिक जगहों पर अधिकांश कोरोना गाइड लाइन की पालना नहीं करते हैं। मास्क लगाना तो जैसे छोड़ दिया है। ना ही दूरी की पालना हो रही है। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली में तेजी से कोरोना व ओमीक्रॉन तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ते केसों को देखते हुए वहां की सरकारों ने रात्रिकालीन कफ्र्यू लगा दिया। शिक्षण संस्थानों में पचास फीसदी उपस्थिति कर दी। दिल्ली में छुट्टी कर दी। वैक्सीनेशन लगा चुके लोगों को सरकारी कार्यालयों में प्रवेश की अनुमति के आदेश जारी हो चुके हैं। राजस्थान में भी सरकार को सख्ती दिखानी होगी। आज मंत्रिपरिषद की बैठक में नई कोरोना गाइड लाइन जारी की गई है, जो एक जनवरी से लागू होगी। शादी समारोह में फिर से लोगों की संख्या सीमित करने, वैक्सीनेशन में तेजी लाने, वैक्सीनेशन को अनिवार्य करने जैसे मुद्दों पर गंभीर चिंतन हुआ। सरकार को कोरोना गाइड लाइन की पालना करने, मास्क पहनकर ही बाहर निकलने, दो गज की दूरी जैसे नियमों की सख्ती से पालना फिर से करवानी होगी। बाजारों के खुलने और बंद होने का समय तय करना होगा। रात्रिकालीन कफ्र्यू फिर से लागू करना चाहिए। साथ ही भीड़भाड़ वाले स्थानों, बाजारों और दर्शनीय स्थलों पर विशेष निगरानी रखकर कोरोना गाइड लाइन की पालना करवाई जानी चाहिए। तभी प्रदेश में बढ़ते केसों पर नियंत्रण हो सकेगा। अगर रोगी बढ़े तो फिर भयावह हालात हो सकते हैं, जिसे संभालना मुश्किल होगा। फिलहाल केस नियंत्रण में है। अभी से ही सरकार को सख्ती दिखानी होगी, तभी इस महामारी पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।