delhi.कम्पनियों (पंजीकृत मूल्यांकक और मूल्यांकन) के नियम, 2017 को साथ-साथ जारी किया गया, जनता से सलाह-मशविरा करके और शेयरधारकों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श करने के बाद इसे अंतिम रूप दिया गया. कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा 247 (पंजीकृत मूल्यांकक और मूल्यांकन) की शुरूआत के लिए 18 अक्तूबर 2017 से प्रभावी अधिसूचना जारी की है। कम्पनी (पंजीकृत मूल्यांकक और मूल्यांकन) नियमावली, 2017 को भी साथ-साथ जारी किया गया है। जनता से सलाह-मशविरा करके और शेयरधारकों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श करने के बाद इसे अंतिम रूप दिया गया।
नियमों में अन्य बातों के अलावा कम्पनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत मूल्यांकन कराने के लिए मूल्यांकक का पंजीकरण करने की व्यवस्था की गई है। मूल्यांकक, कोई भी व्यक्ति अथवा साझेदार कंपनी अथवा कम्पनियां हो सकती हैं, इनके लिए अनिवार्य होगा कि ये केन्द्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट प्राधिकारों के साथ पंजीकृत हों। नियमों में विभिन्न वर्गों के मूल्यांककों का पंजीकरण करने की व्यवस्था की गई है और उनकी पात्रता, योग्यता और अनुभव की मांग निर्धारित की जाएगी। पंजीकृत मूल्यांकक के लिए यह भी आवश्यक होगा कि वह नियमों के अंतर्गत प्राधिकारों द्वारा मान्यता प्राप्त पंजीकृत मूल्यांकक संगठन (आरवीओ) का सदस्य हो। पंजीकरण के लिए आरवीओ के पात्रता नियम भी इन नियमों में प्रदान किए गए हैं जिसमें अन्य बातों के अलावा एक आंतरिक शासन ढांचा शामिल है जो निर्दिष्ट परिसम्पत्ति श्रेणियों के मूल्यांकन के लिए पंजीकृत मूल्यांकक, प्रशिक्षण और शैक्षणिक पाठ्यक्रम चलाने के लिए आचार संहिता लागू करने से पहले प्रबन्ध करेगा जिसके लिए सम्बद्ध आरसीओ मान्यता प्राप्त है।
नियमों में एक तंत्र स्थापित किया गया है ताकि शिक्षा पाठ्यक्रमों का मूल्यांकन करने के लिए मूल्यांकन मानकों और पाठ्यक्रमों को निर्धारित किया जा सके तथा मूल्यांकन रिपोर्ट की विषय वस्तु के सम्बन्ध में आवश्यकताओं को निर्दिष्ट किया जा सके। प्राधिकार के साथ मूल्यांकक के पंजीकरण के लिए नियम 31 मार्च 2018 तक परिवर्तनकाल की अवधि के लिए निर्धारित किए गए हैं। इसमें उस अवधि को ध्यान में रखा गया है जिसकी आवश्यकता मूल्यांकक संगठनों और मूल्यांकक को कानून के अंतर्गत पूरी करने की आवश्यकता होगी। परिवर्तनकाल के दौरान कोई भी व्यक्ति जो कम्पनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत मूल्यांकन सेवाएं दे रहा है वह नियमों के अंतर्गत पंजीकरण के बिना भी ऐसी सेवाएं दे सकता है।
पंजीकरण/ मान्यता और अधीनस्थ मामलों के सम्बन्ध में प्राधिकार के नियम और शक्तियां नियमों में निर्धारित किए गए हैं। यह प्रस्ताव किया गया है कि नियमों के अंतर्गत भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) को प्राधिकार तय कर दिया जाए। अधिनियम के अनुच्छेद 458 के अंतर्गत इस सम्बन्ध में उपयुक्त अधिसूचना अलग से जारी की जा रही है।