Corruption matters relating judges

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने न्यायाधीशों के नाम पर कथित रूप से रिश्वत लिये जाने वाले मामले को लेकर दायर याचिका पर आज सुनवाई पूरी कर ली। न्यायालय इस पर अपना आदेश बाद में सुनायेगा। न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई के बाद कहा कि वह इस मामले में कल आदेश सुना सकती है। इस मामले में सुनवाई के दौरान पीठ ने अधिवक्ता कामिनी जायसवाल की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण से सवाल किया कि क्या एक जैसी ही दो याचिकायें दायर करना औचित्य का मामला नहीं है और इसे अपनी पसंद की पीठ विशेष के समक्ष सूचीबद्ध करने का प्रयास नहीं माना जायेगा।

इसी बीच, अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि याचिकाकर्ता को इसे वापस ले लेना चाहिए क्योंकि इसने इस संस्था की प्रतिष्ठा का नुकसान पहुंचाया है। पीठ ने कहा, ‘‘याचिका की विचारणीयता के बारे में आदेश सुरक्षित रखा जाता है।’’ न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीत की पीठ ने नौ नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि याचिका पर शीर्ष अदालत के पांच वरिष्ठतम न्यायाधीशों की संविधान पीठ को सुनवाई करनी चाहिए।

हालांकि अगले ही दिन, 10 नवंबर को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने न्यायमूर्ति चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ का आदेश उलट दिया था। संविधान पीठ ने कहा था, ‘‘यदि ऐसा कोई आदेश किसी अन्य पीठ ने दिया है तो वह टिक नहीं सकता है क्योंकि यह संविधान पीठ के आदेश के समानांतर होगा।’’ न्यायमूर्ति चेलामेश्वर, जो प्रधान न्यायाधीश के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं, सीबीआई की प्राथमिकी में लगे आरोपों को ‘परेशान करने’ वाला बताया था और अधिवक्ता कामिनी जायसवाल की याचिका में न्यायमूर्ति मिश्रा के खिलाफ लगाये गये आरोपों के मद्देनजर शीर्षअदालत के पांच वरिष्ठतम न्यायाधीशों की पीठ गठित करने का आदेश दिया था।

सीबीआई ने 19 सितंबर को दर्ज प्राथमिकी में उडीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश इशरत मसरूर कुद्दुसी सहित अनेक व्यक्तियों को कथित भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी नामित किया है। कुद्दुसी, जिन्होंने छत्तीस गढ उच्च न्यायालय में भी न्यायाधीश के रूप में काम किया था, को लखनऊ स्थित प्रसाद इंसटीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के चेयनमैन बी पी यादव, उनके पुत्र प्रकाश यादव और तीन अन्य को नये छात्रों को प्रवेश देने से प्रतिबंधित एक मेडिकल कालेज से संबंधित मामले का कथित रूप से निबटारा कराने के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

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