जयपुर। 18 वीं शताब्दी में निर्मित पुरामहत्व सÞ जुुड़ दरवाजों एवं परकोटा के आस-पास चबूतरा और सीढिड्ढयां बना कर एवं नया दरवाजा निकाल कर विरासत को नुकसान पहुंचाने के मामले में सोमवार को महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-4 में जज अमरजीत सिंह ने जयपुर नगर निगम के आयुक्त, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदÞशक तथा स्मार्ट सिटी प्रोजÞक्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को नोटिस जारी कर मंगलवार तक जवाब मांगा है।
इस संबंध में नमन पारीक, भवानी शंकर शर्मा, रणजीत मोदी, सुनील मिश्र एवं यास्क कुमार भावन ने अदालत में टी आई-दावा पेश किया है। प्रार्थीगणों का दावे में कहना है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कारण अजमेरी गेट के पास परकोटे से सटाकर प्लेटफार्म का निर्माण किया गया है। इसके अलावा परकोटे में भी तोडफोड की गई है। जबकि हाईकोर्ट ने ब्रजमोहन जांगिड के मामले में परकोटे के दोनों तरफ पांच-पांच मीटर की दूरी में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा रखी है। साथ ही राजस्थान पुरा स्मारक पुरावशेष स्थान तथा प्राचीन वस्तु अधिनियम, 1961 की धारा 3 के तहत परकोटा संरक्षित स्मारक की श्रेणी में आता है।