Court rejected

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने यहां के एक प्रसिद्ध निजी अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप को खारिज कर दिया। एक व्यक्ति ने अपने पिता की पेसमेकर इम्प्लांट सर्जरी के लिए डॉक्टरों पर अधिक पैसा लेने का आरोप लगाया था।

याचिकाकर्ता, आईपीसी के तहत संपत्ति की हेराफेरी करने के अपराध के लिए डॉक्टरों को आरोपी के रूप में समन जारी किये जाने के एक आदेश को चुनौती देने के लिए अदालत गया था। इसके बजाय उन्होंने डॉक्टरों के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाने की मांग की थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस के गुप्ता ने याचिका खारिज करते हुये कहा कि यह दूसरी पुनर्विचार याचिका थी क्योंकि एक और सत्र अदालत ने 2015 में पहले ही उनकी याचिका खारिज कर दी थी। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘जारी आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर की गयी थी। अदालत ने इस तथ्य पर विचार किया है कि कोई गंभीर अपराध हुआ है या नहीं। पुनरीक्षण याचिका खारिज की जाती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उस आदेश को अंतिम रूप दिया जा चुका है जिसका अर्थ है कि प्रतिवादियों (डॉक्टरों) के खिलाफ आईपीसी की धारा 403 के तहत अपराध के लिए आगे कार्रवाई की जाएगी। मौजूदा याचिका दूसरे पुनरीक्षण के बराबर है। यह अदालत तत्कालीन पुनरीक्षण अदालत के आदेश पर रोक नहीं लगा सकती।’’ हालांकि, आदेश में कहा गया कि अस्पताल मे खिलाफ आईपीसी की धारा 403 (संपत्ति के हेराफेरी करने के अपराध) के तहत सुनवाई जारी रहेगी।

LEAVE A REPLY