जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से नया ज्ञान उत्पन्न करके ज्ञान के प्रसार एवं राष्ट्र विकास में योगदान करें। उन्होंने विद्यार्थियों से भविष्य में आने वाली कठिनाइयों को स्वयं दूर कर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने का आह्वान किया। श्री मिश्र शनिवार को यहां दिल्ली रोड स्थित एमेटी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल मिश्र ने शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ऎसी लीडरशिप पैदा करे जिनमें मूल्यों का समावेश एवं दृढ़ निश्चय हो, जो लोगों को प्रेरणा प्रदान कर सकें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में ज्ञान ही प्राप्त नहीं होता है अपितु युवाओं के व्यक्तित्व एवं भविष्य का भी निर्माण होता है। उन्होंने वर्तमान युग को ज्ञान का युग बताते हुए कहा कि विद्यार्थियों को हर क्षेत्र का ज्ञान अर्जित करना होगा। जिस ज्ञान को अर्जित करने से हमारी आर्थिक समस्याओं का भी निवारण हो सके। हमें हमारी शिक्षा नीतियों में आज के आर्थिक परिपेक्ष्य के अनुसार बदलाव करने चाहिए।

श्री मिश्र ने कहा कि हर छात्र को तकनीक का ज्ञान अवश्य देना होगा, चाहे वह बीए कर रहा हो लेकिन विज्ञान की जानकारी भी उसको होनी चाहिये। छात्रों को नवाचार करने की ललक होनी चाहिये। इसीलिये हमें पाठ्यक्रम में बदलाव करना होगा। हमें हमारी शिक्षा को रोजगारपरक बनाना होगा।

राज्यपाल ने कहा कि एकेडमिक, एन्टरप्रिन्योर और इण्डस्ट्री तीनों में तालमेल से ही छात्रों के भविष्य का निर्माण संभव है। यदि इन तीनों में बेहतर ताल-मेल होगा तो हमें नौकरी की जरुरत ही नहीं पड़ेगी। हम हमारी शिक्षा से ही एन्टरप्रिन्योरशिप के द्वारा नये मुकाम हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में एक-दूसरे को साथ रखते हुए बेहतर तालमेल के साथ समाज में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के संकल्प लेने से ही दीक्षांत समारोह की सार्थकता पूर्ण होगी।

राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों में वर्षा जल संरक्षण, भूजल पुनर्भरण तथा सोलर ऊर्जा प्लांट लगाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि विश्वविद्यालय बिजली और पानी के लिए आत्मनिर्भर बन सके। इस विश्वविद्यालय में भी सौर ऊर्जा एवं जल संरक्षण संरचना विकसित कर सराहनीय कार्य किया है।

कार्यक्रम के आरम्भ में विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डॉ. असीम चौहान ने राज्यपाल श्री कलराज मिश्र का स्वागत किया। श्री मिश्र ने विद्यार्थियों को संविधान की प्रस्तावना एवं मूल कर्तव्यों का वाचन कराया और पालन करने का संकल्प दिलाया। राज्यपाल ने देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री केजी बालाकृष्णन को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को डिग्री एवं गोल्ड मेडल प्रदान किए।

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