जयपुर। अपराध और अपराधी किसी भी राज्य के विकास में सबसे बड़ी बाधा है। अपराधी तक पहुंचने एवं अपराधों को नियंत्रित करने के लिये नया मैकेनिज्म तैयार करने की जरूरत है। गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया पुलिस मुख्यालय सभागार में आयोजित पश्चिमी क्षेत्र की पुलिस कॉर्डिनशन कमेटी की एक दिवसीय बैठक के उद्घाटन सत्र के दौरान अपराधों एवं अपराधियों की रोकथाम के लिये सुझाव दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर सतत निगरानी, ठोस हाईवे पेट्रोलिंग तथा स्टेट क्रिमिनल्स जो वारदात करने के बाद एक राज्य से दूसरे राज्य में शरण लेकर पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहे हैं, उनको सहयोग्यात्मक एवं साझा प्रयास द्वारा पकडे जाने से ही किसी राज्य की आन्तरिक सुरक्षा मजबूत हो सकती है। गृहमंत्री ने दश के सभी राज्यों में बढ़ते अपराधों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि देश के सभी राज्य अपराध और अपराधियों जैसी भंयकर बीमारी से ग्रसित है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के कुशल प्रबंधन से यहां के सभी प्रकार के अपराधों में कमी आई है।
राज्य सरकार की यह मंशा है कि राजस्थान में अपराधों के ग्राफ में और कमी आये। कटारिया ने कहा कि अपराधी हमेशा अपराध करते समय चोरी के वाहनों का उपयोग करते हैं, जिनको वाहनों के नम्बरों के आधार पर पकड़ना असंभव है, क्यों कि जांच की जाती है तो अपराधी कोई और होता है व वाहन किसी दूसरे का। उन्होंने बताया कि आज की बैठक में अपराधी और अपराधों की नई तकनीक को नियंत्रित करने जैसे विषयों पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि बैठक में आये सुझावों का अध्ययन कर अपराधों के नियंत्रण के उपाय ढ़ूंढे जायेंगे। गृहमंत्री ने राज्य के बाहर से आये पुलिस के आला अधिकारियों से बढ़ती सडक दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गो पर चलने वाले यातायात को साझा प्रयासों से नियन्त्रित करने पर ही इनकी रोकथाम संभव है। उन्होंने कहा कि घटना या दुर्घटना होने पर त्वरित रेस्पोंस नहीं मिलने से मृतकों के इजाफे कमी के लिये सुधार की आवश्यकता है। महानिदशक पुलिस राजस्थान अजीत सिंह ने पुलिस के आला अधिकारियों को प्रदश में किये जा रहे नये प्रयोगों की जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान में अभय कमाण्ड सेंटर जयपुर समेत सभी संभागीय मुख्यालयों पर संधारित हो रहे हैं। इन्हें अन्य सेवाओं जैसे चिकित्सा, अग्निशमन एवं स्थानीय निकायां कीे सेवा से भी जोडा जा रहा है। उन्होंने सीसीटीएनएस में ई-एफआईआर सिस्टम है, या नही के जवाब में बताया कि राज्य में जल्दी ही मोटर व्हिकल एक्ट में ही ई-एफआईआर दर्ज होगी। राज्य में प्री चालान कोर्ट ट्रायल वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से की जा रही है। बैठक में महाराष्ट के डीजीपी सतीश माथुर ने बताया कि पुलिस अभी जो भी तकनीकी उपकरण खरीदती है, वह टेण्डर प्रोसेस से क्रय किया जाता है, इसलिये जो सप्लायर होता है उसी से सामान लेना जरूरी होता हैं। हम विभाग की आवश्यकता के अनुसार क्रय नहीं कर सकते। वह तकनीक अब समयानुसार नहीं है।
महानिदशक पुलिस गोवा डॉ. मुक्तश चन्दर ने कहा की साईबर क्राइम करने वाले अपराधियो में भय नहीं हैं, क्योंकि पुलिस टैक्नोलॉजी के मामले में अपराधियो से काफी पीछे है। साथ ही पुलिस में संसाधनो की कमी व आवश्यकतानुसार तकनीकी उपकरणों का बाजार में उपलब्ध नही होना भी साईबर क्राइम को रोकने में पुलिस के समक्ष एक चुनौती है। उन्होंने फाईनेन्शियल फ्रॉड, सिम कार्ड फ्रॉड, नाईजीरीयन फ्रॉड एवं सेरोगेट बैंक अकाउंट पर भी प्रकाश डाला। अतिरिक्त महानिदशक पकंज कुमार सिंह ने पुलिस पर तकनीक के इस्तेमाल पर प्रकाश डालते हुए इन्फोरमेशन आॅन सर्वर, वीडियो कॉन्फे्रंसिंग, क्लाउड कम्प्यूटिंग, विभिन्न प्रकार के मोबाईल ऐप एवं उनसे आईडेन्टिटी थेफ्ट, बॉडी कैमरा यूज, सैटेलाईट ट्रेकर आदि का पुलिस में इस्तेमाल समझाया। पुलिस आयुक्त जयपुर शहर संजय अग्रवाल ने अभय कमांड सेटर के बारे में अतिथियों को बताते हुए कहा कि मार्च, 2017 तक शहर मे ं3 हजार कैमरे लगाये जा चुके है। 500 कैमरे शहर के भीतर परकोटे में लगाये गये हैं। इससे क्राईम डिटक्शन, क्राइम कंट्रोल व लॉ एण्ड आॅर्डर में मदद मिली है। उन्होंने बताया कि अभय कमांड सेंटर की स्थापना के बाद 12 प्रतिशत क्राइम घटा है। अग्रवाल ने कहा कि शहर में ई-चालान शुरू किया गया है, जो फिलहाल रोड लाईट जम्प करने वाले व्यक्तियों पर लागू किया गया है। बैठक में पश्चिम क्षेत्र के राज्यों यथा मध्य प्रदश, महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, (दमन एवं दीऊ) केन्द्र शासित तथा राजस्थान प्रदेश के पुलिस मुखियाओ सहित राजस्थान केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक पुलिस बलों बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईबी, सीबीआई के महानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में अपराध, अपराधी, सूचना एवं आसूचना जैसे गंभीर विषयों पर विस्तार से चर्चा की गयी। इसके साथ ही आपसी समन्वय एवं सहयोग के आधार पर आज के दौर में बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण करने के नये प्रयोगों पर भी वैचारिक आदान-प्रदान किया गया। बैठक में महानिदेशक पुलिस,अपराध एवं रेल्वेज (गुजरात) आशीष भाटिया, अति. महानिदशक पुलिस, रेल्वेज (महाराष्ट्र) जय जीत सिंह, अति. महानिदशक पुलिस, इंटेलिजेन्स (एमपी) राजीव कुमार टंडन सहित राजस्थान पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।