जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि विवि के फंड की कमी की समस्या को रजिस्ट्रार और मुख्य सचिव देंखे। यदि अदालत में जवाब पेश नहीं किया गया तो अदालत को मजबूरन मुख्य सचिव सहित अन्य जिम्मेदार अफसरों को तलब करना पडेगा। इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 17 मई तक टाल दी है।

न्यायाधीश केएस झवेरी और न्यायाधीश वीके व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश डॉ. आरबी सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार विवि को बजट आवंटन नहीं कर रही है और विवि के पास फंड नहीं है। हर सुनवाई को विवि की ओर से यह बात उठाई जाती है। शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होना गंभीर विषय है। अदालत के 25 अक्टूबर 2016 के आदेश के तहत छह माह में नियुक्तियां होनी थी, लेकिन हर बार समय बढ़ाने की गुहार की जाती है। शिक्षकों की कमी के चलते विद्यार्थियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। विवि रजिस्ट्रार और मुख्य सचिव प्रकरण पर गंभीरता से विचार करे। इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 17 मई तक टालते हुए जवाब पेश करने को कहा है।

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