जयपुर. प्रत्येक वर्ष की भांति ‘विश्व विरासत दिवस‘ के अवसर पर राजस्थान सरकार के पुरातत्त्व एवं संग्रहालय विभाग द्वारा आज प्रदेश के सभी राजकीय संग्रहालयों एवं संरक्षित स्मारकों में देशी-विदेशी पर्यटकों का निःशुल्क प्रवेश दिया गया। इस अवसर पर अल्बर्ट हॉल संग्रहालय में राजस्थानी परम्परा के अनुसार पर्यटकों का तिलक लगाकर और पुष्प प्रदान कर स्वागत किया गया। बच्चों को टॉफियां भी दी गई। शाम को यहां विभाग द्वारा आगिकम संस्था के सहयोग से भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुति आयोजित की गई। बड़ी संख्या में पर्यटकों एवं लोगों इस प्रस्तुति का आनंद लिया। इस अवसर पर गुरू निकिता मुदगल के निर्देशन में लगभग 60 नृत्यांगनाओं ने शानदार प्रस्तुति दी। कलाकारों द्वारा आलारिपू, जटेश्वरम्, शब्दम्, कीर्तनम्, कोवातम्, तिल्लाना एवं पदम् पर आधारित प्रस्तुति दी गई। भरतनाट्यम 2000 वर्ष प्राचीन पारम्परिक नृत्य है, जो देवी की महिमा में किया जाता है। इसका मूल उद्भव तमिलनाडू के तन्जौर में हुआ था।
इसी प्रकार से हवामहल स्मारक के मुख्य प्रवेश द्वार पर रंगोली बनवाई गई और शहनाई वादन आयोजित किया गया। यहां पर्यटकों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया और उन्हें धरोहर की सुरक्षा एवं स्वच्छता का संदेश दिया गया। इस अवसर पर गणगौरी बाजार के राजस्थान नेत्रहीन कल्याण संघ के दृष्टिबाधित बच्चों ने स्वच्छता एवं देशभक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर पर्यटकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर आमेर फोर्ट पर भी शहनाई वादन, नुक्कड नाटक और राजस्थान के लोक नृत्य कालबेलिया की प्रस्तुति की गई।